खुशियों के रंग!
वो अनजानी सी,
होठो पे मुस्कान लिये!
आई मेरी जिंदगी में
खुशियों के कई रंग लिये!!!
मेरी एक हंसी,
उसे सुकून दे जाए !
खुशियों के लिये मेरी,
वो सारे जहां से लड़ जाएँ!
आँखो में कई ख्वाब,
और जिंदगी भर का साथ लिए!
आई मेरी जिंदगी में,
खुशियों के कई रंग लिए!!
देख पाने की बेचैनी,
और खोने का डर सताए!
सांसो की वो खुशबू
अनछुई – छुअन दे जाएँ!
जिंदगी भर याद रहे
कुछ ऐसी बातें लिए!
आयी मेरी जिंदगी में
खुशियों के कई रंग लिए!!!
―अभिजीत तिवारी
धन्यवाद… जनमानस के संपादक रहीम जी का!