राजस्थान के जनवादी, सामाजिक व मानवाधिकार संगठनों व यूनियनों की ओर से राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को एक ज्ञापन गया है। ज्ञापन में यह मांग की गई है कि जयपुर शहर में असंगठित क्षेत्र के मज़दूरों को पका-पकाया भोजन, सूखा राशन, आवास व नकदी हस्तांतरित किया जाए।
यह लिखा है ज्ञापन में,
महोदय,
जैसा कि आपको विदित है कि पिछले कुछ दिनों से दिहाड़ी मज़दूरों को कोरोना वाइरस के प्रकोप के चलते कोई काम नहीं मिल रहा है। शहर में सभी दुकानें, मंडी, भवन-निर्माण, कचरा बीनना, ग़ुब्बारे और खिलौने बेचना, बर्तन धोना, ढाबे पर मज़दूरी, सामाजिक समारोहों में काम, सब्ज़ी बेचना आदि का कारोबार बंद हो गया है। आज दिनांक 22 मार्च 2020 से तो आपने ही पूरे राजस्थान को लॉकडाउन करने के आदेश दे दिए हैं. इन सब परिस्थितियों की बजह से उन मज़दूरों की स्थिति जो जयपुर की कच्ची बस्ती व सड़कों पर अपना जीवन निकालते हैं अब वो भूखे मरने की स्थिति में आ गए हैं.
राजस्थान में कई दशकों से काम करने वाले जन, महिला, मानवाधिकार संगठन और मजदूर यूनियन संकट की इस घडी में हाशिये पर जी रहे और भूंखे मरने की स्थित में आ गए लोगों के लिए बहुत चिंतित है और इस स्थिति से निपटने के लिए हर संभव सहयोग करने के लिए तैयार है. राज्य में लोग अपने स्तर पर भी सहयोग कर रहे हैं और कुछ समूह भी आगे आये हैं लेकिन बिना सरकार के युद्ध स्तर पर काम शुरू किये जाने के यह संभव ही नहीं है कि हम लोगों को भूंखों मरने से बचा पायें.
सेंटर फ़ोर एक्वटी स्टडीज़, जयपुर और कई जन, मानवाधिकार संगठन और यूनियन पिछले कई वर्षों से नियमित रूप से हाशिए पर जीने वाले सबसे ग़रीब तबके के साथ इन बस्तियों और फुटपाथ पर काम कर रहे हैं. स्ट्रीट मेडिसिन के माध्यम से बेघर लोगों का सड़कों एवं बस्तियों में इलाज करते हैं। विभिन्न संगठनों और यूनियनों की ओर से 20 मार्च को माननीय मुख्यमंत्री महोदय और जिला कलक्टर जयपुर को इस बारे में पत्र लिखकर आगाह किया था कि भोजन की व्यवस्था राज्य सरकार की ओर से तत्काल की जाए और अभी अभी 25 कच्ची बस्तियों और 3 बेघरों जगहों का सरसरी तौर पर सर्वे किया है, हमने पाया है कि अधिकतर इलाक़ों में लोगों ने खाना नहीं खाया गया था। जिन इलाक़ों में चूल्हे जले थे और खाना बना था वहां पर उनके पास एक वक्त के खाने के राशन का ही इंतजाम था. कुछ जगहों पर तो लोग भूंखे ही सोये थे जहाँ पर कुछ समूहों के द्वारा खाना बाद में वितरित किया गया. जो बेघर लोग हैं उनको पुलिस द्वारा चौकटियों और फ़्लाई ओवर के नीचे सोने पर मार-मार कर भगाया जा रहा है. जयपुर में सारे अस्थायी शेल्टर बंद कर दिए गए हैं जो इस संकट में घडी में बिलकुल भी उचित नहीं है.
हमारा मानना है कि इन असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए जो बस्तियों में रह रहे हैं उनको सूखा राशन वितरित करवाया जाये और जो फुटपाथ या अन्य जगह पर रहने वाले लोग हैं उनके लिए स्कूलों आदि जगह पर रहने की अस्थायी व्यवस्था की जाये. इसी प्रकार राज्य के सभी आंगनवाड़ी केंद्र खोले जाएँ और वहां पर उस आंगनवाड़ी के क्षेत्र में रहने वाले सभी लोगों को और विशेषतौर पर बच्चे और बुजुर्गों को सभी को खाना खिलाया जाये.
दिहाड़ी मजदूर जो केवल मजदूरी पर ही निर्भर रहते हैं उनको राज्य सरकार द्वारा नकद पैसा उनके खाते में हस्तांतरित किया जाये नहीं तो उनकी जिन्दगी बिलकुल चल ही नहीं सकती है.
राज्य में अगले 4 सप्ताह के लिए यह व्यवस्था लागू की जाये और परिस्थितियों को देखते हुए इसे आगे बढाया जाये.
जिन बस्तियों में हमने आज सर्वे किया है उसके बतौर निम्न घरों को भोजन/ भोजन सामग्री पँहुँचानी है: यह परिवार व् व्यक्तियों की संख्या अनुमानित है वह घट बढ़ सकती है,इसे नियुनतम संख्या माने
क्र. बस्ती का नाम कुल व्यक्ति/परिवार राशन प्रकार सम्पर्क
1 ऐल्बर्ट हॉल 60 व्यक्ति पका- पकाया CES
2 जलेब चौक 50 व्यक्ति पका- पकाया CES
3 हसनपुर/ रेल्वे स्टेशन/ ख़ास कोठी 60 व्यक्ति पका- पकाया CES
4 बाइस गोदाम पुलिया के नीचे 70 परिवार सूखा राशन CES
5 धरमकांटा, मानसरोवर मेट्रो स्टेशन (रावणमंडी) 80 परिवार सूखा राशन CES
6 कावेरी पथ मानसरोवर 50 परिवार सूखा राशन CES
7 वी टी रोड 60 परिवार सूखा राशन CES
8 द्वारका पूरी, प्रताप नगर, अक्षय पात्र के पास 60 परिवार सूखा राशन CES
9 झलाना डूँगरी, पुराना आर टी ओ औफिस के पास 50 परिवार सूखा राशन CES
10 विद्याधर नगर, बजरी मंडी पेट्रोल पम्प के पास 50 परिवार सूखा राशन CES
11 विद्याधर नगर, ‘दाना पानी’ के सामने 50 परिवार सूखा राशन CES
12 रोहिंग्या परिवार 85 परिवार सूखा राशन CES
13 एस एफ एस सर्कल,मानसरोवर, न्यू संगनेर रोड, अग्रवाल फ़ार्म के सामने 50 परिवार सूखा राशन CES
14 हिंदूँ पाकिस्तानी, पालड़ी मीना, आगरा रोड 11 परिवार सूखा राशन CES
15 बदरवास, गोपालपुरा बाइपास 80 परिवार सूखा राशन CES
16 सिद्धार्थ नगर, ललित होटल,200 फ़ीट बाई पास की ओर 22 परिवार सूखा राशन CES
17 राजिंदर नगर, गोपालपुरा बाइपास, 200 फ़ीट बाई पास की ओर 125 परिवार सूखा राशन निर्माण एवं जेनरल मज़दूर यूनियन
18 माचेड़ा पुनर्वास, प्रथम व द्वितीय 250 परिवार सूखा राशन निर्माण एवं जेनरल मज़दूर यूनियन
19 भूरा टीबा कच्ची बस्ती 600 परिवार सूखा राशन निर्माण एवं जेनरल मज़दूर यूनियन
20 गिरधारीपुरा कच्ची बस्ती 500 परिवार सूखा राशन निर्माण एवं जेनरल मज़दूर यूनियन
21 जयसिंहपुरा कच्ची बस्ती 300 परिवार सूखा राशन निर्माण एवं जेनरल मज़दूर यूनियन
22 राजीव नगर कच्ची बस्ती 125 परिवार सूखा राशन निर्माण एवं जेनरल मज़दूर यूनियन
23 गूज़र की थड़ी 500 परिवार सूखा राशन निर्माण एवं जेनरल मज़दूर यूनियन
24 बगराना कच्ची बस्ती, अगर रोड 800 परिवार सूखा राशन निर्माण एवं जेनरल मज़दूर यूनियन
25 मुडिया रामसर 350 परिवार सूखा राशन निर्माण एवं जेनरल मज़दूर यूनियन
26 वैशाली नगरन, सिरसी निर्माण मज़दूर 300 परिवार सूखा राशन निर्माण एवं जेनरल मज़दूर यूनियन
27 पार्वती नगर, श्याम नगर नाला 350 परिवार सूखा राशन निर्माण एवं जेनरल मज़दूर यूनियन
28 सिद्धार्थ नगर ललित होटल के पीछे जवाहर सर्कल के पास 22 परिवार सूखा राशन CES
कुल लगभग 4940 परिवार व 180 व्यक्ति
इन बस्तियों में जो भी परिवार दिए गए हैं उनमें प्रति परिवार 5 सदस्य मानते हुए व्यक्तियों की गणना की जाये. इस आधार पर 4940 परिवार मतलब 24700 व्यक्ति एवं 180 अन्य व्यक्तियों को भी जोड़ दिया जाये तो लगभग 24880 कुल व्यक्ति होंगे. यह संख्या कुछ बस्तियों की है जयपुर की कई अन्य बस्तियां भी हो सकती हैं जहाँ पर लोगों के पास खाने को कुछ नहीं होगा.
उपर्युक्त सभी बस्तियों के लिए हमारी तरफ से जिन संगठन या यूनियन का नाम लिखा गया है वे केवल समन्वय के लिए हैं राज्य सरकार की ओर से प्रत्येक बस्ती के लिए एक अधिकारी नियुक्त किया जाये और उनके साथ कुछ कार्मिकों की ड्यूटी लगाईं जाये जिससे वहां पर लोगों के साथ समन्वय करने में आसानी रहे. इस पत्र के साथ हम विभिन्न संगठनों और यूनियनों के वालंटियर की सूची भेज रहे हैं जो इस संकट की घडी में हर संभव मदद करने के लिए तैयार है.
इस सबके समन्वयन के लिए कण्ट्रोल रूम पीयूसीएल और सीईएस दफ्तर 48, वन विहार कॉलोनी, गोपालपुरा बाइपास, जयपुर होगा.
ज्ञापन देने वालों में राजस्थान के जनवादी, सामाजिक व मानवाधिकार संगठनों व यूनियनों की ओर से निम्नलिखित लोग शामिल रहे,
पीयूसीएल राजस्थान – कविता श्रीवास्तव, पप्पू कुमावत, अखिल चौधरी
सेंटर फॉर इक्विटी स्टडीज, राजस्थान – कोमल श्रीवास्तव, हेमंत मोहनपुरिया, बाबूलाल व जयप्रकाश
निर्माण एवं जनरल मजदूर यूनियन – हरिकेश बुगालिया-
मजदूर किसान शक्ति संगठन – निखिल डे
राजस्थान असंगठित मजदूर यूनियन – मुकेश गोस्वामी-
सूचना का अधिकार मंच – कमल टांक
भारत ज्ञान विज्ञानं समिति – अनिल
हेल्पिंग हैंड्स जयपुर – नईम रब्बानी, डॉ राशिद हुसैन, नुरुल अबसार, वकार अहमद, मो. नाजिमुद्दीन
ओमा फाउंडेशन – डॉ. सुनीता शर्मा
वालंटियर्स के नाम और उनके मोबाइल नंबर
कविता श्रीवास्तव- 9351562965
पप्पू कुमावत – 9887158183
कोमल श्रीवास्तव-9414078740
अनिल शर्मा- 9680831615
अखिल चौधरी- 9414883466,8279247388
मुकेश गोस्वामी- 9468862200, 7014040512
कमल टांक- 9413457292, 7014601132
शुभांगी शुक्ल-9893450989
हेमंत मोहनपुरिया- 9928019479, 9785899022
बाबूलाल- 9509477238, 6350515992
जयप्रकाश राजेरा- 9783741088, 7023992607
डॉ.राशिद हुसैन- 8233575757
नुरुल अबसार-9310025601
मो. नाजिमुद्दीन-9829154721, 7891075756
वकार अहमद- 8078607751
नईम रब्बानी- 9314503751
डॉ. सुनीता शर्मा- 9929710444,