राजस्थान के बगरू के रहने वाले फ़िरोज़ ख़ान का चयन बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में संस्कृत विभाग में असिस्टेंट प्रोफ़ेसर के पद पर हुआ है !
उसके बाद से ही जे BHU में ही कुछ छात्र फ़िरोज़ ख़ान की नियुक्ति का विरोध कर रहे हैं ! इस विरोध के बाद ख़ान जयपुर लौट गए हैं इस पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपनी प्रतिक्रिया दी है उन्होंने अपने फ़ेसबुक पेज पर लिखा कि-
“मैं यूपी चीफ मिनिस्टर और डिप्टी सीएम के संपर्क में हूँ। बीएचयू में डॉ फिरोज खान द्वारा संस्कृत पढ़ाने को लेकर जो इश्यू बना हुआ है वह जल्द ही समाप्त किया जाना चाहिए, यूपी चीफ मिनिस्टर और डिप्टी सीएम को इस पर इंटरवीन करना चाहिए।
मुस्लिम समुदाय का व्यक्ति संस्कृत में स्कॉलर बना है तो ऐसे में बीजेपी और आरएसएस सबको इसका स्वागत करना चाहिए था, हिन्दू समाज के लिए गर्व की बात होनी चाहिए थी।
बनारस तो गंगा-जमुनी संस्कृति का ध्वजवाहक माना गया है। हमारे देश में हिन्दू भी जाने-माने शायर हुए हैं, जब एक-दूसरे के धर्म में इस प्रकार से रूचि रखते हैं, एक्सपर्टाइज करते हैं तो ऐसे में तो दायरा व्यापक हो जाता है, हम सर्वधर्म समभाव की बात करते हैं इससे हमारे समाज में सर्वधर्म का ताना-बाना मजबूत होता है और यह देशहित में है।
ये इश्यू समाप्त होना चाहिए….अनेक ऐसे उदाहरण हैं जब सरकारें स्कॉलर्स को उनके योगदान के लिए सम्मानित करती आई हैं।
संस्कृत विद्वान प्रो नाहिद आबीदी को भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने संस्कृत भाषा में उनके योगदान के लिए 2014 में पद्मश्री से सम्मानित किया था।
उन्हें डीलिट की उपाधि भी मिली है। 2016 में उत्तर प्रदेश सरकार ने उन्हें यश भारती पुरस्कार से सम्मानित किया था।
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग की छात्रा शाहिना को 2016 में खुद प्रधानमंत्री सम्मानित कर चुके हैं। शाहिना वेद, पुराण और उपनिषद पर शोध कर रही हैं।
डॉ फिरोज को हमारी सरकार ने ‘संस्कृत युवा प्रतिभा सम्मान’ से सम्मानित किया है।
डॉ. हनीफ खां शास्त्री को साहित्य और शिक्षा के बीच असाधारण फर्क को समझाने के लिए हाल ही में पद्मश्री से सम्मानित किया गया है।