ब्यावर गैस त्रासदी: ब्यावर के मुस्लिम समाज का ये कदम है इंसानियत की मिसाल
16 फरवरी का दिन अजमेर जिले के ब्यावर शहर पर बड़ा भारी गुज़रा। ब्यावर स्थित कुमावत भवन में गैस के 2 सिलेंडर फटने से कई जाने गयी, खबरों के मुताबिक 19 लोगो की अब तक मौत हो चुकी है, जो कि बढ़ती ही जा रही है। ब्यावर के इतिहास में ये अब तक कि सबसे दुखद घटना है। जिसके बाद ही से पूरा शहर सदमे में है, कई नेता भी आये और गए जिनमे मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से लेकर सचिन पायलट ने भी दुर्घटना स्थल का दौरा किया और घायलों से मुलाकात कि।
इसी बीच इंसानियत की एक अनोखी मिसाल देखने को मिली, जहाँ मुल्क में लगातार हिन्दू-मुस्लिम सम्प्रदायों में दूरियां बढ़ाने की कोशिशें जारी है, मगर अब भी कही ना कही इंसानियत उन नफरतो को हराने में कामयाब भी होती जा रही है।
सोमवार को मुस्लिम समाज के लोग ने दुखान्तिका में पीड़ित परिवार से मुलाकात की। राजस्थान सरकार मे मदरसा बोर्ड सदस्य फ़ैयाज़ खान बताते है के उन्होंने हादसे में पीड़ित परिवार के घर जाकर संवेदना व्यक्त करते हुए मृतकों को श्रद्धांजलि अर्पित की, और परिवार को सब्र अता करने के लिए खुदा से दुआ की।
फ़ैयाज़ खान ने सभी मुस्लिम समाज के साथियों को एकत्रित किया और पीड़ित परिवार के घर जाकर उनका दुःख बाट कर इंसानियत ओर मोहब्बत की एक मिसाल कायम की। फ़ैयाज़ खान का कहना था के “ये मुल्क गंगा-जमुनी तहज़ीब वाला मुल्क है, आपस मे एक दूसरे का गम बाटना कोई इतनी ताज्जुब वाली बात नही है, ये हमारा कर्तव्य था जो हमने निभाया”।
मौलाना आलिम ने बताया के इस्लाम के मानने वाले होने के नाते ये उनकी जिम्मेदारी थी, और भले कोई भी समाज या सम्प्रदाय क्यों ना हो, जहा कही भी इंसान परेशान हो तो उनका दुःख बाटना और मदद करना हर मुसलमान की ज़िम्मेदारी है, यही इस्लाम सिखाता हैं। उन्होंने बताया कि “इस्लाम के पैगम्बर मोहम्मद साहब तो उनपर ज़्यादती करने वालो के लिए भी दुआ किया करते थे, हिंदुस्तान में रहने वाले सभी लोग तो हमारे भाई है, इस नाते हमारी ये ज़िम्मेदारी थी जो हमने अदा करने की कोशिश की।
फ़ैयाज़ खान और मौलाना आलिम के साथ मे अय्यूब गौरी, मौलाना रईसुद्दीन , सलीम, मुराद काठात, सलीम काठात(टेलर), पेमा काठात, हाकम काठात, शकूर काठात आदि भी मौजूद थे। इंसानियत, मोहब्बत ओर भाईचारे की ये तस्वीर हिंदुस्तान के लिए एक मिसाल है, ओर यही असली हिंदुस्तान है।