इस्तीफ़े पर अड़े राहुल बोले”मेरा गाँधी होना ही विपक्ष के लिए सबसे बड़ा मुद्दा मुझे जाना होगा!”


भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस इस समय अपने इतिहास के सबसे बुरे दौर से गुज़र रही है 2014 के आम चुनावों के बाद 2019 में लगातार करारी हार के बाद कांग्रेस पार्टी टूट सी गई है!

हालाँकि पिछले साल दिसंबर में हुए तीन राज्यों राजस्थान,मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनावों में जब कांग्रेस पार्टी को जीत मिली तो ऐसा लगने लगा था कि अब कांग्रेस पार्टी में नई संजीवनी आ गई है!

2019 लोक सभा चुनाव के प्रचार अभियान को देखकर ऐसा नहीं लग रहा था कि यह जीत भारतीय जनता पार्टी के लिए एक तरफ़ा हो जाएगी!

लेकिन राष्ट्रवाद और पुलवामा हमले के बाद बालाकोट में हुई एयर स्ट्राइक का भाजपा ने पूरा फ़ायदा उठाया!

इस पूरे चुनाव अभियान में बेरोज़गारी किसानों के मुद्दे से महँगाई जैसे मुद्दे चुनावी अभियान का हिस्सा नहीं बन पाए!
कांग्रेस कुल 51 सीटों पर सिमटकर रह गई है उसके बाद कांग्रेस की कल हुई कार्यसमिति की बैठक में इस हार पर मंथन किया गया!

इसमें राहुल गांधी ने अपने इस्तीफ़े की पेशकश की कहा जा रहा है कि एक स्वर में पूरी कार्यसमिति ने हालाँकि इसे अस्वीकार कर दिया और राहुल गांधी को पार्टी के तमाम फैसलों के लिए अधिकृत कर दिया है!


लेकिन सूत्रों के हवाले से यह माना जा रहा है कि राहुल गांधी अभी भी इस्तीफ़े पर अड़े हुए हैं NDTV ने सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट की की राहुल गांधी का कहना है कि विपक्ष के पास सबसे बड़ा मुद्दा मेरा गांधी होना है इसलिए आप राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में किसी नान गांधी को चुनिये उन्होंने कहा कि मुझे इस पद से जाना ही होगा.


अगर राहुल गांधी यह पद छोड़ते हैं तो फिर कौन कांग्रेस का अध्यक्ष होगा उसमें 3 नाम चल रहे!

सबसे ऊपर नाम पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का है उनके पक्ष में जो मज़बूत बाद जाती है वह यह है कि उनका जीतकर रिकॉर्ड शानदार रहा है पंजाब में सभी सीटें कांग्रेस ने जीती हैं और उनकी छवि एक दमदार नेता की है वे गांधी परिवार के वफ़ादार और ग़रीबी दोनों हैं लेकिन अमरिंदर सिंह कहते रहे हैं कि वो पंजाब में ही रहेंगे और दिल्ली नहीं आना चाहते!

दूसरा नाम मध्य प्रदेश के मुख्य मंत्री कमलनाथ का है कमलनाथ गांधी परिवार के बेहद क़रीबी रहे हैं वो संजय गांधी से लेकर राजीव गांधी और सोनिया गांधी तक के सलाहकार के तौर पर काम करते वो कुशल प्रशासक हैं और राजनीति के पेच जानते हैं लेकिन उनकी कमज़ोरी यह है कि उनका नामचौरासी के सिख दंगों में है!

तीसरा नाम राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का है गहलोत राजस्थान की तीसरी बार मुख्यमंत्री बने हैं वहीं जोधपुर से पाँच बार सांसद रह चुके हैं लोकसभा चुनाव से पहले वो कांग्रेस के संगठन महासचिव थे अशोक गहलोत कुशल प्रशासक माने जाते हैं एवं उनकी कार्यकर्ताओं में लोकप्रिय छवि भी है हालाँकि कमज़ोर यह है कि उनकी उम्र बढ़ रही है वे 68 साल के हैं!

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