जयपुर । 7 दिसंबर को जमाअते इस्लामी हिंद, राजस्थान द्वारा जयपुर में आयोजित विशेष व्याख्यान सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ। इस व्याख्यान में वरिष्ठ अधिवक्ता सैयद शाहिद हसन ने पूजा स्थल अधिनियम 1991, देश की वर्तमान स्थिति और इस संदर्भ में हमारे दायित्वों पर विस्तृत चर्चा की। एडवोकेट सैयद शाहिद हसन राजस्थान हाई कोर्ट के सीनियर एडवोकेट और राजस्थान वक़्फ़ बोर्ड के मेंबर हैं, तथा बार काउंसिल ऑफ राजस्थान के चेयरमैन भी रह चुके हैं।
शाम 6 से 7 बजे के बीच इस्लामिक सेंटर, नाना जी की हवेली के पीछे, मोती डूंगरी में आयोजित इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे। साथ ही, इस कार्यक्रम को जमात ए इस्लामी हिन्द राजस्थान के फेसबुक पेज पर लाइव भी प्रसारित किया गया।
अपने व्याख्यान में, एडवोकेट सैयद शाहिद हसन ने पूजा स्थल अधिनियम 1991 के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला और इस अधिनियम के ऐतिहासिक महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने देश की वर्तमान सामाजिक और राजनीतिक स्थिति के संदर्भ में इस अधिनियम की प्रासंगिकता पर भी जोर दिया।
उन्होंने कहा कि यह अधिनियम धार्मिक सद्भाव और सामाजिक एकता को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्होंने सभी से इस अधिनियम के उद्देश्यों को समझने और इसके पालन करने का आह्वान किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए, जमात ए इस्लामी हिंद राजस्थान के प्रदेशाध्यक्ष मुहम्मद नाज़िमुद्दीन ने कहा, “हमें पूजा स्थल अधिनियम को गहराई से समझना चाहिए और कानूनी जागरूकता फैलाने के लिए प्रयासरत रहना चाहिए ताकि किसी के भी अधिकारों का हनन न हो।”
उन्होंने कहा कि इस अधिनियम के बारे में व्यापक जागरूकता फैलाना आवश्यक है ताकि सभी को अपने अधिकारों का ज्ञान हो। उन्होंने इस अधिनियम के महत्व पर जोर देते हुए कहा, कानूनी जागरूकता ही हमारे अधिकारों की रक्षा का सबसे अच्छा तरीका है। उन्होंने सभी उपस्थित लोगों का आभार व्यक्त किया।
इस कार्यक्रम में उपस्थित लोगों ने व्याख्यान को बहुत उपयोगी बताया और कहा कि इससे उन्हें पूजा स्थल अधिनियम के बारे में गहराई से समझने में मदद मिली है।