वास्तविक शिक्षा वही जो विद्यार्थियों में नैतिकता और मानवता पैदा करे–आज़म खान

पोकरण । एसआईओ राजस्थान द्वारा चलाए जा रहे “पश्चिमी राजस्थान शिक्षा आंदोलन” (डब्ल्यू आर ई एम) की ओर से गुरुवार को जामिया तूर रशीद शिक्षण संस्थान के अंतर्गत चलने वाले अर्र रशीद मेमोरियल स्कूल के बच्चों के लिए एक मोटिवेशनल सेमिनार का आयोजन किया गया।डब्ल्यू आर ई एम संयोजक और एसआईओ राजस्थान प्रदेश सचिव सलीम अख़्तर ने बताया कि कार्यक्रम में मुख्य अतिथि जनमानस राजस्थान के चीफ़ एडिटर डॉ रहीम खान रहे और अध्यक्षता एसआईओ राजस्थान के पूर्व प्रदेश सचिव मोहम्मद आजम खान ने की। कार्यक्रम की शुरुआत स्कूल के छात्र ने तिलावत कुरआन से की। उसके बाद छात्र अशफाक ने नात ए पाक पढ़ी।

डब्ल्यू आर ई एम के संयोजक सलीम अख़्तर ने स्वागत भाषण देते हुए एस आई ओ राजस्थान और पश्चिमी राजस्थान शिक्षा आंदोलन की गतिविधियों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि पश्चिमी राजस्थान में उच्च शिक्षा की कमी को देखते हुए एस आई ओ राजस्थान ने यह आंदोलन शुरू किया है। 

उन्होंने बताया कि “पश्चिमी राजस्थान शिक्षा आंदोलन” के कुछ मुख्य उद्देश्य पश्चिमी राजस्थान में शिक्षा की अहमियत का प्रचार और प्रसार करना, शिक्षा के प्रति लोगों को जागरूक करना, पश्चिमी राजस्थान में साक्षरता दर में बढ़ोतरी लाना, पश्चिमी राजस्थान के छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा की ओर प्रोत्साहित करना, पश्चिमी राजस्थान के छात्र-छात्राओं में शिक्षा प्राप्त करने के साथ-साथ नैतिक मूल्यों को भी परवान चढ़ाना, स्कूल में ज़्यादा से ज़्यादा छात्र-छात्राओं के नामांकन को बढ़ाना, ड्रॉपआउट छात्र-छात्राओं को स्कूल भेजने पर प्रोत्साहित करना और शिक्षा के प्रति छात्र-छात्राओं को गाइड करना है।

मुख्य अतिथि के रूप में स्टूडेंट्स को संबोधित करते हुए डॉ रहीम खान ने कहा कि आज मैं आप सभी के बीच खड़े होकर बेहद गौरवान्वित महसूस कर रहा हूँ। आप सभी प्रतिभाशाली हैं और आप अपने सपनों को पूरा कर सकते हैं। आज विद्यार्थी जीवन में आप जो सीख रहे है, वह आपके भविष्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण होगा। आपके सामने बहुत सारे अवसर हैं।आप चाहें तो किसी भी क्षेत्र में जा सकते हैं। आप डॉक्टर, इंजीनियर, शिक्षक, वैज्ञानिक या कुछ ओर भी बन सकते हैं। बस आपको अपनी रुचि और क्षमता के अनुसार अपना लक्ष्य चुनना है और उसके लिए कड़ी मेहनत करनी है। आपके सपने बहुत बड़े हो सकते हैं, लेकिन असंभव नहीं हैं। 20 साल बाद का पोकरण कैसा होगा यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप भविष्य में क्या बनना चाहते हैं। 

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे आज़म खान ने समाज के नव निर्माण में विद्यार्थियों की भूमिका विषय पर अपनी बात रखी। उन्होंने विद्यार्थी जीवन में नैतिकता पर बल देते हुए अच्छे विद्यार्थी के साथ साथ एक अच्छा इंसान बनने की बात कही। उन्होंने स्टूडेंट्स से माता पिता के प्रति उनके दायित्वों का निर्वहन करने का भी आव्हान किया।

उन्होंने बताया कि शिक्षा ही हमें अपने परिवार, समाज, रीति-रिवाजों, संस्कारों, मूल्यों, सांस्कृतिक पृष्ठभूमि, हमारे इतिहास आदि से परिचित करवाती है। शिक्षा हमें नैतिकता सिखा कर, हमारे कर्तव्यों के बारे में बताकर समाज का एक जिम्मेदार नागरिक बनाने में हमारी मदद करती है। 

उन्होंने कहा कि एक अच्छा शिक्षक ही हमेशा एक छात्र के जीवन में बहुत बड़ा बदलाव ला सकता है, जो उनकी कक्षा में सीखने से लेकर उनकी दीर्घकालिक सफलता तक हर चीज को प्रभावित करता है। बच्चों को बेहतर दीनी,आधुनिक और तकनीकी शिक्षा दिलाना आज मौजूदा समय की सब से बड़ी जरूरत बन चुकी है। हमें बच्चों की अच्छी तालीम के साथ साथ उनकी अच्छी तरबियत की भी फिकर करनी चाहिए ।

अंत में स्कूल के प्रिंसिपल मौलाना मोहम्मद अरशद ने सभी अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन स्कूल के शिक्षक अब्दुल रज्जाक खान ने किया। इस अवसर पर विद्यालय के शिक्षक अब्दुल रशीद सहित सभी स्टाफ और बच्चे मौजूद रहे।

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