तो ये मतलब होता है, ‘खम्मा-घणी’ का
राजस्थान अपनी मेहमान नवाज़ी के लिए दुनिया भर में मशहूर है। मेहमान चाहे देशी हो या विदेशी, उन्हें सर आँखों पर बैठाते हैं हम राजस्थानी। आज भले ही बदलते वक़्त के साथ हमारा अभिवादन हाय-हैलो तक सिमटता जा रहा हो लेकिन राजस्थान में आज भी मेहमानों का अभिवादन ‘खम्मा-घणी’ से किया जाता है। लेकिन इस ‘खम्मा-घणी’ का मतलब क्या है, आइए जानते हैं बंजारा की इस स्टोरी में।
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‘खम्मा-घणी’ में खम्मा का अर्थ है ‘क्षमा’ और घणी का मतलब है ‘बहुत सारा’। और ‘खम्मा-घणी’ का एक साथ मतलब होता है – कही जाने वाली बात में यदि कुछ बुरा लगे तो उसके लिए पहले से क्षमा। ‘खम्मा-घणी’ के जवाब में ‘घणी-खम्मा’ कहा जाता है।
तो देखा आपने कितनी शालीनता और अपनापन है हमारे राजस्थानी कल्चर में। तो अब जब आप जान गए हैं तो ये जानकारी शेयर भी कीजिये, ‘खम्मा-घणी’।
साभार-बंजारा