शहीदे आज़म भगत सिंह के शहादत दिवस 23 मार्च को जयपुर में होगी किसान महापंचायत !


संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रीय आह्वान के तहत जयपुर में राजस्थान किसान महापंचायत का आयोजन शहीदे आजम भगत सिंह के शहादत दिवस, 23 – मार्च, मंगलवार को विद्याधर नगर स्टेडियम जयपुर में दोपहर 11 बजे किया जा रहा है। इस महापंचायत को भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत समेत कई किसान नेता संबोधित करेंगे।

राजस्थान जाट महासभा के अध्यक्ष राजाराम मील ने बताया कि खाद्य सुरक्षा पर हमला व काला बाजारी को बढ़ावा देने वाले इन किसान विरोधी तीनो कृषि कानूनों को वापस लेने व एमएसपी को कानूनी गारंटी दिलाने हेतु पिछले तीन महीनों में 300 से भी अधिक किसानों ने अपनी शहादत दी है।

राजाराम मील ने कहा कि देश के किसान संगठनों से बिना किसी रायशूमारी के ये काले कृषि कानून लाये गये हैं जो किसान ओर आमजन की मौत का फरमान साबित होगे तथा देश की खाद्य सुरक्षा को खतरे मे डालने के साथ साथ देश की खेती किसानी को कॉर्पोरेट के हवाले करने का काम करेंगे।

किसान सभा के महासचिव तारा सिंह सिद्धू ने बताया कि तीनों कृषि कानून राशन की सार्वजनिक वितरण प्रणाली पर भी सीधा प्रहार करेंगे, जिससे आमजन को मिलने वाला राशन प्रभावित होेगा।

 

किसान महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष फूलचंद ढेवा ने कहा कि तीनों कृषि कानून वापिस लेने, सभी कृषि उपजों की स्वामीनाथन् आयोग की सिफारिशों के अनुसार न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित करने और कृषि उपजों की घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम खरीद को अपराधिक कृत्य घोषित करने तक किसानों का यह आंदोलन जारी रहेगा।

किसान सभा के राज्य उपाध्यक्ष गुरचरण मोड़ ने कहा जो लोग पानी 20/- रु प्रतिलीटर का बेच सकते है उनके हाथ मे यदि देश का गेंहू, मक्का और धान पड़ गया तो इसकी मार आम उपभोक्ताओं पर भी पड़ेगी।

अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद के प्रदेश अध्यक्ष के सी घूमरिया ने कहा कि निजीकरण के जरिए केंद्र सरकार पूरे देश के सरकारी उपकरणों को निजी हाथों में देने जा रही है जिससे आने वाले समय में भयंकर बेरोजगारी की समस्या बढ़ जाएगी और आम आदमी के जीवन यापन के सारे साधन समाप्त हो जाएंगे।

जमीयअत उलेमा ए हिन्द के प्रदेश उपाध्यक्ष हाफिज मजूर अली ने बताया कि, हम अन्न के बिना जिंदा नही रह सकते और सरकार की तैयारी रोटी को तिजोरी में बन्द करने की है जिससे आम आदमी दाने दाने को मोहताज हो जाएगा इसलिए अल्पसंख्यक समुदाय भी इस महापंचायत में पूरी ताकत के साथ शिरकत करेगा।

आल बैंक, बीमा एससी, एसटी, ओबीसी, माईनरटी एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष अशोक मीणा तथा ओबीसी अध्यक्ष एस.आर.धनखड ने बताया कि बड़ी संख्या में बैंक कर्मी भी इस महापंचायत में शामिल होने जा रहे है। इस किसान महापंचायत को लेकर राजस्थान में भारी प्रचार प्रसार किया जा रहा है।  बैंक कर्मी, रेलवे कर्मी, बीमा कर्मी, जयपुर के जनंसगठनों व कई अन्य सरकारी उपक्रमों की यूनियनों एटक, इंटक, सीटू, एक्टू ने भी इस महापंचायत को समर्थन दिया है।

किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष बलबीर छिल्लर पूर्व प्रधान हरसहाय यादव, अम्बेडकर वेलफेयर सोसाइटी के महासचिव अनिल गोठवाल, राजस्थान नागरिक मंच के महासचिव बसंत हरियाणा, किसान नेता प्रोफेसर सी बी यादव, राजस्थान जाट महासभा के महासचिव मदन चैधरी, ने बताया कि जयपुर जिले से भारी संख्या में किसान, महापंचायत में शिरकत करेंगे।

जयपुर के विभीन्न इलाको में प्रचार प्रसार जारी है और लाखों की संख्या में इस महापंचायत में आम जनता भाग लेंगी, साथ ही उन्होंने कहा नए कृषि कानूनों के चलते अनाज और खाद्यान के किसानों की भी वही हालात होगी जो आज प्याज, टमाटर, आलू, लहसून के किसानों की अक्सर होती है।

महापंचायत के आयोजन की जिम्मेदारी में लगे चेनाराम महिया ने बताया कि इन्हीं मांगों को लेकर 23 मार्च मंगलवार को शहीद ए आजम भगत सिंह के शहादत दिवस पर इस महापंचायत का आयोजन किया जा रहा है तथा प्रचार प्रसार के दौरान यह भी देखा गया है कि आम जनता में इन तीनों कृषि कानूनों को लेकर भारी गुस्सा है इसीलिए जयपुर के लगभग सभी जनसंगठन इसमे बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रहे है।


 

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