राजस्थान के अजमेर में ब्यावर उपखंड की ग्राम पंचायत नून्द्री मेन्द्रातान गांव अली नगर सहित इससे जुड़ते अनेक काॅलोनियों के ग्रामीण बरसाती नदी की समस्यां से त्रस्त है। नदी की पुल बनाने के स्थान पर ग्रामीणो को जनप्रतिनिधि केवल आश्वासन का झुंझुना देकर टालम टोल की नीति अपना रहे है। जिससे अब ग्रामीणो में रोष हैं। आए दिन होते हादसो एवं बच्चो के जान जोखिम में होने के चलते अब ग्रामीणो ने 7 दिसम्बर को विधानसभा चुनाव सहित आगामी सभी चुनावो का पूर्ण रूप से बहिष्कार करने का निर्णय लिया है।
ग्रामीणो की मांग है कि अली नगर एवं नगर परिषद के वार्ड नंबर 06 में स्थित पुराने चांग चितार रोड़ को जोड़ते हुए पुल का निर्माण करवाया जाए। उक्त क्षेत्र के मध्य एक बरसाती नदी है। जिसके माध्यम से वर्षो से ग्रामीण आवाजाही करते आ रहे है। लेकिन बरसात ऋतु में उक्त नदी में पानी भर जाता है। जिससे कि अली नगर सहित साथ ही इससे जुड़ने वाले अली नगर, इंदिरा काॅलोनी, काठात काॅलोनी, नून्द्री, नूर नगर, छापरो का बाड़िया, चालीस आदि गांवो का शहर के मध्य संपर्क तक टूट जाता है। उक्त नदी में पानी भर जाने के कारण आवागमन का साधन मात्र एक दो फुट की पुलिया है। जिससे आवागमन करना जान को जोखिम में डालने के समान है। पुलिया के एक ओर गहरा पानी भरा है, जबकि पथरीली चट्टाने, झाड़िया आदि मौजूद है। ऐसे में कई बार उक्त पुल से गुजरते समय महिलाएं, बच्चे एवं पुरूष हादसे का शिकार हो रहे है। बच्चे नदी की दूसरी ओर स्थित स्कूल में जाने तक से कतराने लगे हैं। वहीं यह बच्चे कई बार पानी में गिरकर हादसे का शिकार हो चुके है। गनीमत है कि हादसे के वक्त समय पर बच्चो को संभाल लेने के कारण कोई गंभीर हादसा नहीं हुआ। उक्त नदी वर्ष भर में मात्र एक या दो माह ही खाली होती है। ऐसे में ग्रामीणो को आवागमन पूरी तरह अन्य मार्गो पर निर्भर है। जो कि असुविधाजनक है।
ग्रामीणो की उक्त मांग को लेकर स्थानीय सरपंच से लगातार संपर्क कर रहे हैं। लेकिन सरपंच पद का सुख भोग रहे जनप्रतिनधि पिछले 14 साल से जल्द कार्यवाही होने, काम शुरू होने, उच्चाधिकारियों से बात होने की बात कहकर टालम टोल कर रहे है। अब उन्हे भी इसके निर्माण में कोई रूचि नहीं रही है। जिससे ग्रामीणो में रोष है। पूर्व में उक्त मामले का मांग पत्र राजसमंद लोकसभा सांसद श्री हरिओमसिंह राठौड़ के 2017 में जनसुनवाई के लिए पधारने पर ग्राम पंचायत मुख्यालय पर सौपा गया था। जनसुनवाई के दौरान वर्तमान विधायक श्री शंकरसिंह रावत सहित उपखंड अधिकारी ब्यावर, तहसीलदार ब्यावर, विकास अधिकारी जवाजा सहित अन्य अधिकारीगण मौजूद थे। तब सांसद श्री राठौड़ ने उचित कार्यवाही का आश्वासन देते हुए अधिकारियों को कार्यवाही का आश्वासन दिया था। बीतते समय के साथ अधिकारियों सहित सम्मानित लोकसभा एवं विधानसभा के जनप्रतिनिधियों ने उक्त मांग पत्र को रद्दी की टोकरी में डालकर ग्रामीणो की भावना से खिलवाड़ कर रहे हैं। वोट बैंक की राजनीति करने वाले जनप्रतिनिधियों को जनता की समस्यां से कोई सरोकार नहीं है। वहीं उनके साथ अधिकारी भी कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं।
जनप्रतिनिधियों के लगातार मिल रहे झूठे आश्वासन से परेशान होकर ग्रामीणो ने फैसला लिया है कि नदी पर पुल बनाने की मांग को लेकर आगामी 7 दिसम्बर को होने वाले विधानसभा चुनाव का पूर्ण रूप से बहिष्कार किया जाएगा। एक भी महिला, पुरूष या युवा चुनाव के दौरान मतदान नहीं करेगा। जिसकी पूर्ण जवाबदारी अधिकारियों की होगी।