कोटा। वेलफेयर पार्टी ऑफ इंडिया के राजस्थान में एकमात्र पार्षद मोहम्मद आसिम ने अपने कार्यकाल के चार वर्ष सफलतापूर्वक पूर्ण होने पर रविवार को अंजुमन इस्लामिया सैकण्डरी स्कूल, चंद्रघटा, मक़बरा क्षेत्र कोटा में एक अज़ीमुश्शान अखिल भारतीय मुशायरा “शाम-ए-मुशायरा” शीषर्क से आयोजित किया गया। मुशायरे में देशभर से मशहूर शायरों ने अतिथि के रूप में पधारकर अपने शायरी के जलवे बिखेरे। मोहम्मद आसिम कोटा उत्तर नगर निगम के वार्ड 52 से पार्षद हैं।
पार्षद मोहम्मद आसिम ने बताया कि उन्होंने अपने पार्षद कार्यकाल के चार वर्ष सफलतापूर्वक पूरे करने पर मुशायरे की यह महफ़िल सजाई जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में दिल्ली से वरिष्ठ शायर एवं पत्रकार अरशद नदीम, मुंबई से एक्टर व शायर सिराज तालिब, उत्तर प्रदेश के फ़िरोज़ाबाद से शायर अहसन फ़िरोज़ाबादी, उत्तर प्रदेश से ही नूर शम्स इलाहाबादी, आक़िल ज़ैतपुरी, तनवीर मोहसिनी, जोधपुर राजस्थान से फ़ानी जोधपुरी, मांगरोल से इमरान मांगरोली, कोटा से डाॅ. ज़ैबा फिज़ा, रियाज़ तारिक़, शोएब अंसारी, राशिद ख़ान शामिल हुए।
मुंबई से शायर सिराज तालिब ने श्रोताओं को ,
‘तू ग़नी है जिसे चाहे तवंगर कर दे, मेरे मालिक मेरे हालात को बेहतर कर दे। मैं तो क़तरा हूं फक़त मेरी औक़ात ही क्या,तू अगर चाहे तो क़तरे को समंदर कर दे।’ सरीख़ी शायरी सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
वहीं शायर अहसन फ़िरोज़ाबादी ने बशीर बद्र का मशहूर शेर “लोग टूट जाते है एक घर बनाने में, तुमको तरस नहीं आता बस्तियां जलाने में।” सरीखे शेर सुनाकर श्रोताओं को वाह-वाह करने पर मजबूर कर दिया।
कोटा की ही मशहूर शायिरा व डॉ. जैबा फिज़ा ने “मिट्टियों पर ख़ुशबुओं की तर्जुमानी के लिए,दिल को रखिए फूल जैसा बाग़बानी के लिए।” सरीखी शायरी से श्रोताओं को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया।
वहीं कोटा के ही नौजवान शायर रियाज़ तारिक़ ने “वो अंधे हैं जो फूलों को यहां पर ख़ार कहते हैं,हम अपने मुल्क को जन्नत का एक गुलज़ार कहते हैं,, सदा तैयार रहते हैं वतन पर सर कटाने को, यहां कुछ सिरफिरे फिर भी हमें ग़द्दार कहते हैं।” जैसी शायरी सुनाकर श्रोताओं को तालियां बजाने और वाह-वाह करने पर मजबूर कर दिया।
इस मौक़े पर वरिष्ठ शायर अरशद नदीम,नूर शम्स इलाहाबादी, तनवीर मोहसिनी,आक़िल ज़ैतपुरी, फ़ानी जोधपुरी,शोएब अंसारी, राशिद ख़ान,अतहर उज्जैनी व डॉ. ग्यास ने भी अपनी शायरी से महफ़िल में चार चांद लगा दिए। इस दौरान शायरी सुनने के लिए श्रोताओं की भीड़ उमड़ पड़ी और देर रात तक डटी रही।
कार्यक्रम की अध्यक्षता सैफुल्लाह ख़ान ने की तथा अंत में पार्षद मोहम्मद आसिम ने सभी शायरों को मोमेंटो भेंटकर सम्मानित किया।