राष्ट्रीय

सांप्रदायिक सौहार्द की बात करने वाले पत्रकार को ही UP पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया !

By khan iqbal

October 21, 2019

सुनकर कितना अजीब लगता है न कि एक व्यक्ति जो दंगाईयों को रोकने की कोशिश करता है। वो अभद्र टिप्पणी करने वालों के विरुद्ध पुलिस में केस दर्ज करवाता है। वो लोगों से सभ्य भाषा का उपयोग करने की अपील करता है। इसी बीच कुछ नफ़रत के वाहक एक फोटो को एडिट करते हैं और उल्टा उसी व्यक्ति को निशाना बना दिया जाता है। फिर जो होता है, वो और भी शर्मनाक है। यूपी पुलिस के कुछ लोग आधी रात को उस व्यक्ति को गिरफ्तार कर लेते हैं।

मामला उत्तरप्रदेश के इलाहाबाद ( प्रयागराज ) का है। जहां पर मशहूर पत्रकार मोहम्मद अनस को 20 अक्टूबर की रात को गिरफ़्तार किया गया। एक फर्जी और एडिट की हुई तस्वीर के आधार पर उनपे इलज़ाम लगाया गया, कि उन्होंने माहौल बिगाड़ने की कोशिश की। फिर यूपी पुलिस अपनी कार्यवाहियों के लिए वैसे ही बदनाम है। यहाँ भी वही हुआ, मोहम्मद अनस की फ़ेसबुक वाल को चैक किए बिना ही इलाहाबाद की झूँसी स्थित उनके घर से कुछ लोग उन्हे गिरफ्तार करके ले गए।

ज्ञात होकि मोहम्मद अनस दो दिन से सोशल मीडिया में नफ़रत फैलाने वाले लोगों के विरुद्ध मोर्चा खोले हुए थे। वहीं फ़ेसबुक से लेकर ट्वीटर तक में इस्लामोफोबिक कमेंट्स की बाढ़ आई हुई थी, जिसमें पैगंबर मुहम्मद साहब पर अमर्यादित भाषा और शब्दों का उपयोग किया जा रहा था। जिसको लेकर मोहम्मद अनस ने लोगों से अपील की थी, कि वो यूपी पुलिस का साथ दें किसी भी तरह का गलत क़दम न उठायें। मोहम्मद अनस को गिरफ्तार करने से पहले यदि मोहम्मद अनस की वाल को ही चैक कर लिया जाता, तो शायद यूपी पुलिस उन्हे गिरफ्तार नहीं करती।

मोहम्मद अनस ने अपनी वाल पर अपील की थी

UP Police लगातार चेतावनी जारी कर रही है। प्रदेश भर में 14 मुकदमें दर्ज किए जा चुके हैं। प्रदेश का सांप्रदायिक सद्भाव एवं भाईचारा का माहौल किसी को खराब नहीं करने दिया जाएगा। किसी के भी धार्मिक प्रतिकों पर गलत टिप्पणी न करें। यदि ऐसा करते हुए कोई दिखता है तो तत्काल यूपी पुलिस को सूचित करें।

देखें पत्रकार मोहम्मद अनस की अन्य पोस्ट्स

IPC Act 1860 के अंतर्गत धारा 295A एवं सूचना प्रोद्यौगिकी (संशोधन) अधिनियम (2008) की धारा 67 के तहत मनीष प्रकाश निवासी इलाहाबाद के विरूद्ध एफआईआर दर्ज की गई। सामाजिक कार्यकर्ता मोहम्मद दानिश की शिकायत पर प्रयागराज पुलिस ने त्वरित कार्यवाई करते हुए लॉ एंड ऑर्डर का बेहतरीन उदाहरण पेश किया है।

 

पुलिस के उच्चाधिकारियों का धन्यवाद जिन्होंने मामले को संज्ञान में लाने के उपरांत कार्यवाई सुनिश्चित करवाई। आप चाहे हिंदू हो या मुसलमान, प्रदेश और शहर का धार्मिक/सामाजिक तानाबाना बिगाड़ने का प्रयत्न करेंगे तो कानून अपना कार्य करेगा।

जय हिंद। हिंदू-मुस्लिम एकता ज़िंदाबाद।

मोहम्मद अनस की इन सभी पोस्ट्स को पढ़ने के बाद इस बात का अंदाज़ा लगाया जा सकता है, कि पत्रकार मोहम्मद अनस न सिर्फ़ अमन व शांति को बरकरार रखने की कोशिश कर रहे थे। बल्कि उत्तरप्रदेश पुलिस और प्रशासन का सहयोग कर रहे थे। साथ मोहम्मद अनस यूपी पुलिस द्वारा जनता से की गई अपील को भी लोगों तक पहुँचा रहे थे। ऐसे सोशलमीडिया में उनके ही विरुद्ध सोशल मीडिया में अशान्ति फैलाने की कोशिश करने का आरोप लगाया जाना और फिर उन्हे यूपी पुलिस द्वारा अनस के सोशलमीडिया अकाउंट्स को बिना देखे ही उनके घर से उठाना यूपी पुलिस की कार्यवाही पर सवाल उठाता है।

[समस्त जानकारी ट्रिब्यून हिंदी से ली गयी हैं फेसबुक पोस्ट मोहम्मद अनस की फेसबुक वाल से ली गयी हैं ]