इतना बड़ा झूठ..विश्वास नहीं होगा।
प्रवासी श्रमिकों से रेलवे द्वारा वसूल किए जा रहे शर्मनाक कृत्य पर एक पोस्ट डाली जिसमें मैने यह कहा कि विदेशों से अमीरों को फ्री लाने वाली सरकारों को गरीब, बेबस प्रवासी मजदूरों से रेलवे का किराया वसूल करना इस देश के लिए बहुत शर्मनाक हैं।
जिसके प्रत्युत्तर में कई लोगों ने ट्रोल किया.. यद्यपि मैं तथ्यों को परख कर ही किसी प्रकार की पोस्ट रखता हूं। सरकार समर्थक दोस्तों के द्वारा जिस प्रकार के तथ्य रखे गए उससे एक बार कि मुझे भी यह विश्वास हो गया कि मैं गलत हूं और तुरंत पोस्ट को डिलीट किया. उनके मैसेंजर पर व्यक्तिगत रूप से माफी मांगी.
उसके पश्चात सच्चाई जानने के लिए वास्तविक स्रोत तक पहुंचने की कोशिश की, कई पत्रकार मित्रों से बात की तो जो सच्चाई निकल कर सामने आई उस पर विश्वास नहीं होता कि सरकारें , उनके प्रवक्ता व समर्थक ऐसा भी कर सकते है… मैं तो क्या अच्छा-अच्छा मीडिया वर्ग भी भ्रमित हो गया.. जिन्हें बिंदुवार रख रहा हूं….
1. रेलवे के आदेश में स्पष्ट लिखा हुआ है कि रेलवे टिकट प्रिंट करके राज्य सरकार को देगा तथा बदले में राज्य सरकार पूरा किराया रेलवे देगी, एवं प्रत्येक टिकट पर ₹50 अतिरिक्त वसूल किए जाएंगे .. राज्य सरकारें प्रवासी मजदूरों से कैसे वसूली करेगी यह उनका काम होगा।
2. गृह मंत्रालय का नोटिफिकेशन है जिसमें यह कहा गया है कि यह ट्रेन सभी प्रवासी मजदूरों के लिए नहीं होगी, केवल जो प्रवासी मजदूर रास्तों में फंसे हुए हैं उन्हीं को उपलब्ध होगी। मतलब यह सुविधा भी सभी मजदूरों के लिए नहीं हैं।
3. बीजेपी के नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने एक ट्वीट करके बताया कि उनकी रेलवे मंत्री से बात हो गई है जिसके अनुसार श्रमिकों के किराए का 85% भार रेलवे वहन करेगा तथा 15% राज्य वहन करेगा।
4. उसके पश्चात बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा टीवी पर आकर जबरदस्त तरीके से अपनी बात को रखते हैं और कहते हैं कि 85% किराया का भार रेलवे वहन करेगा तथा सभी मीडिया में यह बात प्रमुखता से चलने लगती हैं। दूसरी ओर श्रमिकों से लिए जाने वाले टिकट में पूरा किराया वसूल किए जाने की बात सामने आने लगी।
5. फिर संबित पात्रा का एक ट्वीट सामने आता है जिसमें वह कहते हैं कि रेलवे टिकटों पर 85% सब्सिडी दे रहा (न कि किराया वहन करेगा, इस बात को छुपा लिया जाता है ) किसी को समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर वास्तविक स्थिति क्या है ?
अब जो स्थिति वास्तविक तथ्यों के आधार पर मुझे स्पष्ट हुई है उसके अनुसार,
रेलवे पूरा किराया राज्य से वहन करेगा इसके साथ हर टिकट पर ₹50 अतिरिक्त लेगा.. जो 85% सब्सिडी की बात बार-बार बीजेपी प्रवक्ता और समर्थकों द्वारा बोली जा रही है वस्तुतः यह सब्सिडी स्लीपर क्लास में पहले से ही दी जा रही है।
वस्तुतः यह सब्सिडी भी 42% है लेकिन आने और जाने दोनों तरफ से इसको काउंट करके 85% बता दिया गया है। किराया उतना ही वसूल किया जा रहा है जो रेलवे 2 माह पहले वसूल कर रहा था बल्कि उस पर ₹50 अतिरिक्त लिया जा रहा है।
मजे की बात यह है कि गृह मंत्रालय के नोटिफिकेशन के अनुसार यह सुविधा सभी श्रमिकों के लिए नहीं है केवल फंसे हुए श्रमिकों के लिए ही है।
अब मैं निश्चित रूप से कह सकता हूं कि बहुत शर्मनाक.. ( सभी डाक्यूमेंट्स अटैच्ड है )
– C.B. Yadav
(लेखक राजस्थान यूनिवर्सिटी जयपुर में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं)