आज ही के दिन रात 8 बजे तीन साल पहले 2016 में प्रधानमंत्री ने देश के नाम संबोधन किया और इस संबोधन के बाद पूरे देश में अफ़रातफ़री मच गई ! दरअसल संबोधन ये था की 8 नवंबर 2016 को रात आठ बजे भारत में पाँच सौ और हज़ार के नोट चलन से बंद हो गए! उसके बाद पूरे देश में लोग बैंकों के सामने कतारों में लग गए कई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ यह ख़बरें आयी की लाइनों में लगने से लगभग 200 लोगों की मौत हुई!
सरकार नोट बंदी को सही साबित करने के लिए हर रोज़ नए ने तर्क दे रही थी कभी सरकार का कहना था कि इससे काला धन रुकेगा तो कभी सरकार ने भावनात्मक और राष्ट्रवादी कार्ड खेलते हुए कहा कि कश्मीर में आतंकियों को टेरर फंडिंग रुकेगी! लेकिन बाद में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी की गई की जारी की गयी सारी मुद्रा वापस RBI में लौट गई!
विपक्ष इसको भारत का सबसे बड़ा भ्रष्टाचार कहता है आज आठ नवंबर 2019 को इसके पूरे तीन साल हो गए हैं इस पर ट्विटर पर भारत में दो टॉप ट्रेंड कर रहे हैं उसमें पहला है #आओ_मोदी_चौराहे_पर !
यह ट्रेंड इसलिए कर रहा है क्योंकि नोटबंदी के बाद देश भर में जब लोगों को परेशानी हुई तो प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर 50 दिन बाद इसका फ़ायदा न हुआ तो मुझे किसी भी चौराहे पर लटका देना!
अगर एक ट्विटर यूज़र गीत वी ने ट्वीट में वीडियो शेयर करते हुए लिखा है की है प्रधानमंत्री को “बेस्ट स्क्रिप्ट और इस परफॉर्मेंस के लिए ऑस्कर अवार्ड मिलना चाहिए”
वहीं एक ट्विटर यूज़र ने इसे भारतीय अर्थव्यवस्था का काला दिन बताया!
ट्विटर यूज़र अवतार सिंह कालका ने नोट बंदी के बाद जारी किए गए रंग बिरंगे नोटों पर व्यंग करते हुए ट्वीट किया
दूसरा ट्रैंड #3YrsOfDeMoDisaster के हैशटैग से हो रहा है कि वह इस पर ट्वीट करते हुए कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने लिखा कि “नोटबंदी को तीन साल हो गए। सरकार और इसके नीमहक़ीमों द्वारा किए गए ‘नोटबंदी सारी बीमारियों का शर्तिया इलाज’ के सारे दावे एक-एक करके धराशायी हो गए। नोटबंदी एक आपदा थी जिसने हमारी अर्थव्यवस्था नष्ट कर दी। इस ‘तुग़लकी’ कदम की जिम्मेदारी अब कौन लेगा?