राजस्थान

शमशेर भालू खान ने शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला से मांगे 12 सवालों के जवाब

By Raheem Khan

February 17, 2022

राजस्थान विधानसभा में प्रश्नकाल की शुरुआत में विधायक संयम लोढ़ा ने शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला के सामने पैरा टीचर्स और शिक्षा कर्मी के नियमितिकरण का मामला उठाया था। विधानसभा में प्रश्न का जवाब देते हुए मंत्री बीडी कल्ला ने कहा कि ‘शिक्षाकर्मी व पैरा टीचर्स को संविदा कर्मियों का दर्जा देने की परंपरा नहीं रही हैं,”

जिस पर विधायक संयम लोढ़ा ने कांग्रेस के घोषणा पत्र का हवाला देकर कहा कि – ‘कांग्रेस ने अपने जन घोषणा पत्र में नियमित करने का वादा किया था, और आप कह रहे है कि नियमित करने की कोई परंपरा नहीं है, आप युवाओं के साथ धोखा कर रहे हैं, आप नियमितिकरण के लिए बनाई गई कैबिनेट सब कमेटी के अध्यक्ष हो और आपको यह नहीं पता कि घोषणापत्र में क्या कहा था”

मंत्री बीडी कल्ला ने कहा कि – शिक्षाकर्मियों व पैरा टीचर्स का मानदेय हमारी सरकार ने समय समय पर बढ़ाया है। मेरी अध्यक्षता में बनी कमेटी की रिपोर्ट बन रही है जिसे जल्दी ही कैबिनेट की मीटिंग में रखा जाएगा।

इस पूरे मामले पर मदरसा पैराटीचर्स, राजीव गांधी पाठशाला पैराटीचर्स और शिक्षाकर्मियों के नियमितिकरण के लिए दांडी यात्रा, अनशन और धरना देने वाले शमशेर भालू खान ने शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला द्वारा विधानसभा में दिए गए जवाब पर उनसे कुछ सवाल पूछे हैं।

(1) शिक्षाकर्मी, पैराटीचर व मदरसा पेरा टीचर को नियमित करने की परम्परा नहीं है तो अक्टूबर 2008 में वसुंधरा राजे सरकार ने 20060 संविदा कर्मचारियों को प्रबोधक किस परम्परा से बनाया?

(2) आपको संविदा कर्मचारियों की रिपोर्ट प्रस्तुत करने में 3 साल से अधिक समय क्यों लगा?

(3) रिपोर्ट तैयार है तो उसको अब तक केबिनेट बैठक में पास क्यों नहीं करवाया?

(4) पैराटीचर, शिक्षाकर्मी व मदरसा पैराटीचर संविदाकर्मी नहीं हैं तो क्या है? किस कैडर के अंतर्गत आते हैं?

(5) 2017 में क्या आपकी सरकार थी जैसा कि आपने विधानसभा में कहा?

(6) चुनाव घोषणा पत्र 2018 में कांग्रेस पार्टी ने मदरसा पैराटीचर, राजीव गांधी पैराटीचर व शिक्षकर्मियों को संविदाकर्मी मानते हुये नियमित करने की घोषणा क्यों की?

(7) घोषणा पत्र को राजकीय नीतिपत्र केबिनेट में प्रस्ताव द्वारा घोषित किया पर अमल नहीं किया। ऐसा क्यों? जब पैराटीचर, शिक्षाकर्मी व मदरसा पैराटीचर संविदा कर्मी ही नहीं हैं तो आपने जनता को गुमराह क्यों किया व राजकीय नीति में गलत तथ्य प्रस्तुत कर राज सम्मान को क्षति क्यों पहुंचाई?

(8) क्या सरकार इन संविदा शिक्षकों को नियमित करना चाहती है?

(9) हाँ तो कब तक व किस प्रक्रिया से?

(10) नहीं तो क्यों?

(11) सरकार की मंशा नहीं है तो प्रथम दांडी यात्रा को उदयपुर में रुकवा कर 21.11.2020 को दिनांक 30.09.2021 तक नियमित करने का लिखित समझौता क्यों किया? उदयपुर में तत्कालीन वक़्फ़ बोर्ड चैयरमेन श्री खानु खान बुधवाली की मध्यस्थता में निदेशक प्रारंभिक व माध्यमिक शिक्षा श्री सौरभ स्वामी,जिला कलक्टर उदयपुर, एडीएम उदयपुर, DMWO उदयपुर, JD उदयपुर द्वारा तत्कालीन शिक्षा मंत्री श्री गोविंद सिंह डोटासरा के निर्देशन में यह लिखित समझौता क्यों किया गया? क्या सरकार ने झूठा लिखित समझौता किया?

(12) द्वितीय दांडी यात्रा में चले 93 दिन के आंदोलन व 73 दिन के अनशन व 79 दिन के धरने को 31दिसंबर 2021 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा अमीन कागजी विधायक किशनपोल, रफ़ीक़ खान विधायक आदर्श नगर,व वाजिब अली विधायक नगर व धर्मेंद्र सिंह राठौड़ की मौजूदगी में राजीवगांधी पैराटीचर, शिक्षाकर्मी व मदरसा पेराटीचर को नियमित करने की प्रतिबद्धता जताई, क्या यह झूठ है? यदि यह झूठ है तो इसके लिये जिम्मेदार कौन है?

शमशेर भालू खान ने जनमानस को कहा कि संयम लोढ़ा सहित हम उन सब विधायकों के शुक्रगुजार हैं जिन्होंने हमारी आवाज़ को विधानसभा में उठाया।