“मैंने काफी कोशिश की लेकिन मैं खुद को भाजपा की विचारधारा से जोड़ नहीं पा रहा हूं.” यह कहते हुए लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा जॉइन करने वाले बसेड़ी विधानसभा से पूर्व विधायक रहे खिलाड़ी लाल बैरवा ने भाजपा से इस्तीफा दे दिया।
खिलाड़ी लाल बैरवा पूर्व विधायक, पूर्व सांसद और राजस्थान अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष रह चुके हैं। उन्होंने नवनियुक्त भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ को पत्र लिखकर भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।
उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि,
भारतीय जनता पार्टी, राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष मनोनित किये जाने पर आपको हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाए।
पुर्व मुख्यमंत्री (कांग्रेस) द्वारा अपने को चौथी बार मुख्यमंत्री बनने की लालसा में कांग्रेस के दिग्गज नेताओं को कांग्रेस से बाहर करने का असफल प्रयास किया। पायलट साहब के गुट के लोगों के फोन टेप करवाए, जिसका लोकेश शर्मा (ओ.एस.डी., पूर्व मुख्यमंत्री) सविस्तार बता चुके है। मेरा भी फोन टेप करवाया गया, जो कि जांच का विषय है। योजनाबंध तरीके के साथ मुझे भी पार्टी से निकाला गया। कुछ खास चापलूस लोगों की सिफारिश पर राजस्थान के इतने टूकडे-टूकडे कर दिए। पंचायत समिति स्तर के क्षेत्रफल वालों को जिले बना दिए। समाज के टूकडे कर इतने सामाजिक बोर्ड बना दिए, जिनका स्वंय को भी पता नहीं।
18% अनुसूचित जाति के लोगों के लिए आयोग को मैने वैधानिक दर्जे की बात की तो क्या गुनाह कर दिया। अन्तिम छः माह में सरकार द्वारा लिए फेसलों की समीक्षा में चार बिन्दुओं पर समीक्षा हो। मैं सरकार से मांग करता हूँ। (1) जिले बनाना। (2) सामाजिक बोर्ड बनाना (3) फोन टेपिंग मामला। (4) अनुसूचित जाति आयोग को वैद्यानिक दर्जा वाला मामला।
जिस तत्कालीन मुख्यमंत्री द्वारा जगह बदल-बदल कर 2 बार अपने पुत्र को जीत नही दिला पाये। इससे इनके प्रति जनता की भावना साफ दर्शाती है। भाजपा एवं कांग्रेस अलग-अलग विचार धाराएं है। मैने एवं मेरे कार्यकर्ताओं ने भाजपा ज्वॉइन की, लेकिन काफी प्रयास के बाद भी मैं भाजपा की विचारधारा से अपने आप को जोड नही पा रहा हूँ। मैने 33 वर्ष कांग्रेस में सक्रीय राजनीति की है। विचारधारा मेरे खून में शामिल हो गई है। मुझे भाजपा से कोई शिकायत नहीं है, लेकिन मैं और मेरे साथी कार्यकर्ता भारतीय जनता पार्टी से अलग होते हुए प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहे है।