बारां। शनिवार 16 मार्च 2024 को, सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) ने बारां के अंजुमन चौराहे पर नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को वापस लेने की मांग को लेकर एक विशाल धरना प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने भारत के राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन जिला कलक्टर बारां के प्रतिनिधि तहसीलदार बारां को सौंपा।
एसडीपीआई के जिला महासचिव इफ्तिखार अहमद ने बताया कि सीएए भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन करता है, जो सभी नागरिकों को कानून के समक्ष समानता की गारंटी देता है। यह अधिनियम भारत में मुसलमानों को छोड़कर बांग्लादेश, अफगानिस्तान और पाकिस्तान जैसे पड़ोसी देशों के अन्य समुदायों के प्रवासियों को नागरिकता प्रदान करता है।
धरना प्रदर्शन में सैकड़ों लोग शामिल हुए, जिनमें अहतशाम उद्दीन सिद्दीकी, मौलवी मोहम्मद अख्तर नदवी कासमी, एसडीपीआई के सचिव जाकिर हुसैन, और जिलाध्यक्ष अब्दुल अजीज उर्फ अज्जू भाई शामिल थे।
एडीपीआई प्रदेश महासचिव अब्दुल अजीज ने कहा कि अगर भारत सरकार सीएए को वापस नहीं लेती है, तो एसडीपीआई अपनी लड़ाई तब तक जारी रखेगी जब तक यह काला कानून वापस नहीं हो जाता।
अन्य वक्ताओं ने कहा कि, सीएए एक भेदभावपूर्ण कानून है जो भारतीय संविधान की मूल भावना के खिलाफ है। सीएए मुसलमानों को भारत में द्वितीय श्रेणी के नागरिक बना देगा। यह अधिनियम असम और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में पहले से ही मौजूद सामाजिक तनाव को बढ़ा देगा।यह भारत की धर्मनिरपेक्ष छवि को नुकसान पहुंचाएगा।
एसडीपीआई ने सभी नागरिकों से सीएए के खिलाफ आवाज उठाने और इसे वापस लेने के लिए सरकार पर दबाव बनाने का आह्वान किया है। पार्टी ने सरकार से इस कानून को तुरंत वापस लेने की मांग की है।एसडीपीआई के जिला उपाध्यक्ष शहादत हुसैन अंसारी ने उपस्थित सभी लोगों और प्रशासन और मीडिया को धन्यवाद दिया।