राजस्थान

‘राई का बाग’ रेलवे स्टेशन का नाम बदलने के लिए राइका समाज आंदोलन पर

By अवधेश पारीक

July 02, 2024

‘राई का बाग नहीं – राईका बाग – आगे वाले नाम में ये ‘ई’ और ‘का’ के गैप को दूर करने के लिए एक समाज को आंदोलन करना पड़ रहा है. ये कितना दु:खद है !

जोधपुर रेल मंडल के उपनगरीय रेलवे स्टेशन “राई का बाग पैलेस जंक्शन” के नाम को लेकर राईका-देवासी समाज 1 जुलाई से आंदोलन पर उतर रहा है जहां समाज के लोगों का कहना है कि कई बार बताने के बावजूद रेलवे इस स्टेशन का नाम सही नहीं कर रहा है.

समाज के लोगों का कहना है कि राईका में अलग शब्द से राई लिखने से ये मसाला लगता है जबकि राईका शब्द समाज से जुड़ा है, जहां समाज के आसुराम राईका से जुड़ा है जिन्होंने अपनी जमीन जोधपुर की रानी को बाग बनाने के लिए दी थी.

आसुराम ने रानी को इस जगह का नाम राईका बाग रखने को कहा था लेकिन धीरे-धीरे रेलवे के बोर्डों में इसका नाम “राई का बाग” कर दिया गया.

एक नाम से समाज का सम्मान जुड़ा है लेकिन इतने से काम के लिए भी सरकारी मशीनरी कैसे काम करती है देखिए जहां लंबे समय से पत्र और बातचीत के बाद अब समाज ने 1 जुलाई से आंदोलन करने का ऐलान किया है.

हालांकि इस समाज से ही ओटाराम देवासी वर्तमान में भजनलाल सरकार में मंत्री है लेकिन फिर भी एक छोटे से नाम बदलने के लिए समाज को आंदोलन, धरना देना पड़ रहा है. आज जोधपुर में देवासी ने कहा कि इस मसले पर मुख्यमंत्री के साथ चर्चा हुई है, मुख्यमंत्री ने रेल मंत्री से चर्चा की है और इस पूरे विवाद के समाधान के लिए हम राजस्व रिकार्ड खंगाल रहे हैं.

राईका समाज को मजाक बनाकर रख दिया है, एक नाम को लेकर, जो उनके सम्मान से जुड़ा है…कितने सालों से ज्ञापन दे रहे हैं और आज धरना देना पड़ रहा है.

राईका-देवासी समाज बीजेपी का वोटर रहा है, अब राजस्थान में डबल इंजन की सरकार है और समाज का एक मंत्री भी कैबिनेट में है फिर भी एक नाम के लिए समाज को कैसे सरकार के सामने गुहार लगाने के लिए विवश होना पड़ रहा है.

जोधपुर में राईका बाग रेलवे स्टेशन के नाम को “राई का बाग” करने के विरोध में आखिरकार राईका-देवासी समाज सड़कों पर उतरा.

राईका देवासी समाज स्टेशन का नाम बदलने की मांग कर रहा है उसको देखते हुए पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने भी “राई का बाग” रेलवे स्टेशन का नाम बदलने के लिए रेल मंत्री को लेटर लिखा है।