नज़रिया

राहुल गाँधी को कांग्रेस का अध्यक्ष क्यों बने रहना चाहिए?

By khan iqbal

May 30, 2019

राहुल गाँधी लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस के ख़राब प्रदर्शन से नाराज़ होकर पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफ़ा देना चाहते हैं।

कांग्रेस के सभी वरिष्ठ नेता उन्हें मनाने में लगें हैं कि वो इस्तीफ़ा न दें मगर अब तक सहमती बनती नहीं दिखाई दे रही है। ख़बरों के मुताबिक राहुल चाहते हैं कि कोई गाँधी परिवार के बाहर का सदस्य इस पद को संभाले।

देश का एक नागरिक होने के नाते हम सभी के लिए देश की सबसे पुरानी पार्टी की ये स्थिति चिंताजनक है। कांग्रेस की नीतियों और राहुल गाँधी से सैंकड़ों मामले में असहमति के बाद भी हम सभी के लिए यह गम्भीर सवाल है कि कांग्रेस का अध्यक्ष कौन होगा और राहुल गांधी को कांग्रेस का अध्यक्ष क्यों बने रहना चाहिए?

1. राहुल गाँधी, कांग्रेस के एक मात्र ऐसे नेता हैं जो संघ को बुरा कहते हैं और उसकी नीतियों का विरोध करते हैं। आप कांग्रेस में दूसरा कोई ऐसा नेता नहीं देखेंगे जो राहुल की तरह RSS की खुले तौर पर आलोचना करता हो।

2. कांग्रेस में संघी मानसिकता के बहुत से लोग हैं जो पार्टी को दीमक की तरह खोखला कर रहे हैं इसलिए राहुल गांधी का अध्यक्ष बने रहना ज़रूरी है ताकि कांग्रेस को संघी तत्व से पवित्र किया जा सके।

3. राहुल गांधी हिंदुत्व की हार्ड लाइन कभी नहीं ले सकते लेकिन सेक्युलरिज़म की हार्ड लाइन ज़रूर ले सकते हैं जो की हार्ड हिंदुत्व और संघ के मुक़ाबले के लिए बेहद ज़रूरी है। कांग्रेस में चापलूसों की फ़ौज में ऐसा कोई नहीं जो हार्ड लाइन लेकर भाजपा और संघ का खुला मुक़ाबला कर सके।

4. राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी पहले के मुक़ाबले में मज़बूत हुई है और धीरे-धीरे और बेहतर कर रही है। दिसम्बर माह में तीन राज्यों मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भाजपा से सत्ता छीनने में कामयाब रही।

5. गांधी परिवार से बाहर यदि कोई योग्य हो तो उसे ज़रूर कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया जाना चाहिए लेकिन ये भी ध्यान में रहे कि इससे पूर्व सीताराम केसरी कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके हैं जो गाँधी परिवार से नहीं थे मगर उनके नेतृत्व में पार्टी की क्या दुर्गति हुई ये किसी से छिपा नहीं है। मजबूरन फिर कांग्रेस ने सोनिया गाँधी को अध्यक्ष चुना।

6. कांग्रेस से कई मामले में मतभेद और असहमति के बाद भी कांग्रेस का मज़बूत बने रहना इसलिए ज़रूरी है क्योंकि भाजपा जैसी राष्ट्रीय स्तर की मज़बूत पार्टी के सामने राष्ट्रीय स्तर पर दूसरी कोई ऐसी पार्टी नहीं है जिसकी यूनिट्स और कार्यकर्ता देश के कोने कोने में मौजूद हों।

7. कांग्रेस का कमज़ोर होना भाजपा को निरंकुश बनाने में मददगार साबित होगा।जिससे देश की सेक्युलर छवि को धूमिल कर हिंदुत्व के नाम पर अराजकता को बढ़ावा मिलेगा।

8. कांग्रेस के सहयोग के बिना देश में कोई भी सामाजिक, राजनीतिक आंदोलन (जिसमें संघ शामिल न हो) सफ़ल नहीं हो सकता इसलिए कांग्रेस को मज़बूत बनाना देश की सेक्युलर इमेज को मज़बूत बनाने के लिए ज़रूरी है।

9. जब तक देश में तीसरा कोई विकल्प ना हो तब तक कांग्रेस का मज़बूत रहना ज़रूरी है और कांग्रेस की मज़बूती के लिए उसके पास मज़बूत अध्यक्ष भी ज़रूरी है जो सेक्युलरिज़म को जेब में रखकर चलने वालों से मुक़ाबला करने को तैयार हो।

10. चूँकि अधिकतर नेताओं को राजनीतिक मोक्ष की प्राप्ति नागपुर से ही होती है ऐसे में राहुल गाँधी नेक और साफ़ छवि के इंसान प्रतीत होते हैं जो साम्प्रदायिकता से दूर हैं और जिनके अंदर इतना नैतिक बल है कि हार को तस्लीम कर अध्यक्ष पद से इस्तीफ़ा देने का सामर्थ्य रखते हैं।

ये कुछ बिंदु हैं जिनके कारण मैं ये समझता हूँ कि कांग्रेस का मज़बूत होना और राहुल गाँधी का अध्यक्ष बने रहना ज़रूरी है।

मेरे समर्थन का मतलब ये हर्ग़िज़ नहीं है कि हम कांग्रेस की ग़लतियाँ भूल गए … हाशिमपुरा भी याद है और भागलपुर भी मगर वर्तमान समय में राजनीति की विषम परिस्थिति में कांग्रेस का मज़बूत होना बेहद ज़रूरी है।

Masihuzzama Ansari