कभी कभी कुछ घटनाएँ ऐसी होती है जिन्हें सुनकर या उनके बारे में जानकर मन प्रसन्न हो जाता है! यह ख़बर है राजस्थान के सीकर ज़िले की फँसाना तहसील की.
शहीद सीताराम कुमावत एवं सेठ केएल ताम्बी राउमावि में क्वारंटाइन सेंटर में हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश के 54 मजदूर ठहरे हुए हैं.
ये मज़दूर तो कभी स्कूल नहीं जा पाए लेकिन जब नियति इन्हें इसी स्कूल में ले ही आयी तो उन्हें स्कूल की बदरंग हालत देखी नहीं गई.मजदूरों ने सरपंच से रंग-रोगन का सामान मांगा और सरपंच व विद्यालय स्टाफ की ओर से सामग्री उपलब्ध कराने के बाद उन्होंने स्कूल की पुताई एवं रंग रोगन शुरू कर दिया.
मजदूरों ने पूरे रंग रोगन स्कूल की सूरत ही बदल गई. मज़दूर कहते हैं “आपने हमारे लिए इतना कुछ किया हमें समय पर खाना दिया रहने के लिए जगह दी तो क्या हम आपके लिए इतना नहीं कर सकते”
अपनी मेहनत मज़दूरी की कमाई खाने वाले मज़दूरों के लिए यह बात अच्छी नहीं लगी कि हम बैठकर खाएं.
ये वही मज़दूर हैं जो पिछले एक महीने से दर दर की ठोकरें खा रहे हैं शहरी लुटेरों ने उन्हें नौकरी से निकाल दिया और सरकार ने उन्हें अपने हाल पर छोड़ दिया वो पैदल ही अपने घरों की तरफ़ निकल पड़े बिना किसी शिकायत के और जब उन्हें शेल्टर होम में ठहराया गया तो वही अपने आत्मसम्मान को ज़रा भी आँच नहीं आने दी!
पलसाना सरपंच रुप सिंह शेखावत कहते हैं,”प्रशासन की ओर से सेंटर स्थापित करने के बाद प्रवासी लोगों के लिए भोजन-पानी और ठहराने की जिम्मेदारी दी गई.
अब प्रवासी लोगों ने खुद कार्य करने की इच्छा जताई, तो रंग-रोगन उपलब्ध करवा दिया। मजदूरों के व्यवहार से पूरा गांव अभिभूत है।
स्कूल के प्रधानाचार्य राजेंद्र मीणा भी ख़ुश हैं कहते हैं विद्यालय में पिछले नौ साल से रंग-रोगन का काम नहीं हुआ। सभी शिक्षकों ने अपने वेतन से रंग-रोगन के पैसे देने के प्रस्ताव को सहमति दी। उस राशि से रंग-रोगन की सामग्री लाकर दी गई है।
ख़ास बात यह है कि जब मज़दूरों को उनके इस काम के लिए कुछ मज़दूरी देने की इच्छा ज़ाहिर की गई तो उन्होंने यह लेने से साफ़ इनकार कर दिया
वहीं क्षेत्र की जिम्मेदारी सम्भाले रखने वाले नायब तहसीलदार विपुल चौधरी ने मजदूरों की भावना व काम करने की इच्छा की तारीफ करते हुये कहा कि स्कूल में ठहरे मज़दूरों व लोगों की सुविधाओं का पूरा ख्याल रखा जा रहा है!
मज़दूरों के इस तरह की अनूठी पहल का सभी ने स्वागत किया है और जिले यह चर्चा का विषय भी बना हुआ है।