“चुप!! बिल्कुल चुप!!!
सब चुप हो जाओ, कोई कुछ नहीं बोलेगा। कोई कुछ नहीं लिखेगा। कोई व्यंग्य नहीं करेगा। कोई नहीं हँसेगा। हम सबका इंतजाम करके बैठे हैं। राज्य में कानूनी व्यवस्था कितना भी ख़राब क्यों ना हो, हमें कोई फर्क नहीं पड़ता, पुलिस और प्रशासन की नींद हमें ज्यादा प्यारी है।
किसी का ट्विटर और फेसबुक पोस्ट हमारे लिए राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा है। पुलिस प्रशासन को लाईन हाजिर कर दिया गया है।
हम जल्द ही फेसबुक पर व्यंग्यात्मक शैली में पोस्ट लिखने वाले इंसान के घर पुलिस भेज रहे हैं, उसके खिलाफ एफ.आई.आर. कर उसे गिरफ्तार कर रहे हैं। हम किसी को कुछ नहीं बोलने देंगे। क्योंकि हमें सुनने से डर लगता है। हमसे अनचाही आवाजों बरदाश्त नहीं होती।
ये हक-अधिकार, ये राइट्स, ये सब क्या होता है? हम फासिस्ट हैं, तानाशाह हैं। सब हमारे कब्जे में हैं। पुलिस से लेकर सेना तक। तुम एक मामूली नागरिक हो, तुम्हारी क्या मजाल जो हमारे ऊपर व्यंग्य कर सको, हमारी सत्ता, हमारी शक्ति को चुनौती दे सको। खै़रियत चाहते हो तो चुप रहो, बिल्कुल चुप।”
मुस्कुराइए, आप दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में हैं!