जनमानस विशेष

पीएम मोदी ने अजमेर दरगाह में भेजी चादर, हिंदू सेना ने जताया विरोध

By Raheem Khan

January 05, 2025

अजमेर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से भेजी गई चादर शनिवार को अजमेर स्थित ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर चढ़ाई गई। अजमेर दरगाह विवाद के बीच शनिवार को केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री तथा संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू पीएम की ओर से भेजी गई चादर लेकर अजमेर पहुंचे। दरगाह पर उन्होंने देश में अमन-चैन, भाईचारे की दुआ मांगी। इसके बाद प्रधानमंत्री का संदेश पढ़कर सुनाया।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संदेश में लिखा है कि, “गरीब नवाज के 813वें उर्स मुबारक के अवसर पर दुनिया भर में उनके अनुयायियों और अजमेर शरीफ में आए सभी श्रद्धालुओं को हार्दिक शुभकामनाएं।विभिन्न कालखण्डों में हमारे संतों, पीरों, फकीरों व महापुरुषों ने अपने कल्याणकारी विचारों से जन-जन के जीवन को आलोकित किया। इस कड़ी में, ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती के लोक कल्याण व मानवता से जुड़े संदेशों ने लोगों पर अमिट छाप छोड़ी है और उनके प्रति विश्वभर में लोगों की गहरी आस्था है।समाज में प्रेम एवं सौहार्द को बढ़ाने के लिए समर्पित उनका जीवन व आदर्श हमारी पीढ़ियों को निरंतर प्रेरित करता रहेगा। उनके वार्षिक उर्स का उत्सव लोगों के आपसी जुड़ाव को सशक्त करने में बड़ी भूमिका निभाएगा। मुझे विश्वास है कि यह अवसर लोगों को देश व समाज की बेहतरी के लिए हरसंभव कार्य करने की प्रेरणा देगा। वार्षिक उर्स के अवसर पर दरगाह शरीफ के लिए चादर भेजते हुए मैं ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती को नमन करता हूं और उनसे देशवासियों की प्रसन्नता व समृद्धि की कामना करता हूं। “

इससे पहले जयपुर एयरपोर्ट पर रिजिजू ने कहा, ‘पीएम मोदी की ओर से चादर चढ़ाना पूरे देश की ओर से चादर चढ़ाने जैसा है। हम देश में अच्छा माहौल चाहते हैं। अजमेर में दरगाह पर लाखों लोग आते हैं। उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इसलिए अजमेर दरगाह का ऐप और वेब पोर्टल लॉन्च किया गया। इस पर दरगाह पर मिलने वाली सुविधाओं से लेकर अन्य सभी तरह की जानकारियां मिलेंगी।

पीएम की चादर क्या दरगाह में मंदिर का दावा करने वालों को जवाब है? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि हम किसी को जवाब देने के लिए या किसी को दिखाने के लिए ये नहीं कर रहे हैं। हम प्रधानमंत्री का संदेश लेकर आए हैं कि मुल्क के लोग अच्छे तरीके से रहें।

केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से चादर लेकर शनिवार को अजमेर शरीफ दरगाह पहुंचे। पूरी दुनिया में भाईचारे इंसानियत और सांप्रदायिक सद्भाव के लिए विख्यात राजस्थान के अजमेर में सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के 813 वें सालाना उर्स के मौके पर शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से चादर पेश की गई।

यहां सर्किट हाउस में अजमेर के भाजपा नेताओं की ओर से उनका भव्य स्वागत किया गया। अजमेर की दरगाह में भी दरगाह कमेटी और खादिमों की संस्था अंजुमन सैयद जादगान की ओर से भी प्रधानमंत्री की भेजी चादर का स्वागत किया गया। उधर, हिन्दू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता की ओर से दरगाह में संकट मोचन महादेव मंदिर होने को लेकर सिविल न्यायालय में दायर वाद पर विवाद अब भी बना हुआ है।

हिन्दू सेना के अध्यक्ष और हिन्दू धर्म सभा के पदाधिकारीयों ने दो बार प्रधानमंत्री को उर्स के मौके पर इस बार चादर नहीं भेजने कोलेकर पत्र लिखा था।

दरगाह में जायरीन की आवक बढ़ने से उर्स की रौनक बढ़ने लगी है और दरगाह में उर्स की रसूमात धूमधाम से मनाई जा रही है। 7 जनवरी को उर्स की आध्यात्मिक रसूमात के तहत छठी की रस्म होगी। उस दिन छोटे कुल की रस्म अदा होगी। वहीं 10 जनवरी को बड़े कुल पर दरगाह शरीफ को इत्र, केवड़े व गुलाब जल के छींटे से धोया जाएगा और इसके साथ ही उर्स की धार्मिक औपचारिक समापन हो जाएगा।

इस बीच उर्स में देश दुनिया के बड़े नामचीन लोगों की ओर से चादर चढ़ाने का सिलसिला जारी है। उर्स के चलते दरगाह सहित पूरे शहर में देश के विभिन्न राज्यों से आए जायरीन की चहल पहल बढ़ गई है और दरगाह में उर्स के तहत मन्नतें मांगने, चादर चढ़ाने और अकीदत के फूल पेश करने का सिलसिला जारी है। उर्स में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तरफ से शनिवार को सुबह चादर पेश की गई। केन्द्रीय अल्पसंख्यक मामलात कार्य मंत्री किरन रिजिजू प्रधानमंत्री की तरफ से ख्वाजा साहब की पवित्र मजार पर चादर पेश की।

हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने प्रधानमंत्री की ओर से अजमेर शरीफ दरगाह पर चादर भेजने पर रोक लगाने की मांग की है। उन्होंने इस संबंध में सिविल जज अजमेर के समक्ष एक याचिका दाखिल की है, जिसमें कहा गया है कि प्रधानमंत्री की ओर से चादर पेश किए जाने से चल रहे मामले पर प्रभाव पड़ सकता है।

विष्णु गुप्ता ने प्रेस नोट और वीडियो जारी कर अपनी बात रखी है। उन्होंने कहा कि यह मामला कोर्ट में विचाराधीन है और किसी भी प्रकार की सरकारी पहल इससे संबंधित सुनवाई को प्रभावित कर सकती है। उन्होंने प्रधानमंत्री से अपील की है कि जब तक कोर्ट का अंतिम निर्णय नहीं आ जाता, तब तक कोई चादर या धार्मिक प्रस्तुति न भेजी जाए। इस मामले की सुनवाई शनिवार को सिविल जज अजमेर की अदालत में हुई।

वकील के माध्यम से दायर याचिका में अदालत से आग्रह किया गया है कि प्रधानमंत्री को चादर भेजने से रोका जाए, ताकि निष्पक्ष न्याय सुनिश्चित हो सके। बता दें कि हिंदू सेना की ओर से दरगाह क्षेत्र में मंदिर के अस्तित्व को लेकर कानूनी लड़ाई जारी है। हिंदू सेना का दावा है कि अजमेर में बनाई गई दरगाह पहले शिव मंदिर के तौर पर स्थापित था।

अजमेर दरगाह पर चादर चढाने को लेकर कोर्ट में शनिवार को सुनवाई हुई। इसके तहत अजमेर दरगाह हिदूं मंदिर मामले मे याचिका दायर करने वाले वादी द्वारा प्रार्थना-पत्र न्यायालय में लगाया गया है। इसमें पीएमओ की ओर से दरगाह पर केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री तथा संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू की ओर से चादर चढाई जानी थी। उसी को रोकने हेतु प्रार्थना-पत्र दाखिल किया गया था।

बता दें कि पूर्व मे वादी की ओर से पीएमओ मे ज्ञापन भेजा गया था, जिसके अंतर्गत कहा गया कि दरगाह पर चादर नहीं चढाई जाएं क्योकि कोर्ट मे अभी प्रकरण विचाराधीन है।

अधिवक्ता की ओर से बताया गया कि हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता की ओर से लगाई गई अर्जी स्वीकार कर ली गई है। वकील का कहना है कि इस मामला पर याचिका इसलिए लगाई गई है, क्योंकि अजमेर दरगाह में मंदिर होने का दावा किया गया था। हिंदू सेना का दावा है कि जहां दरगाह बनी है, वहां कभी भगवान शिव का मंदिर था। चूंकि मामला अभी कोर्ट में विचाराधीन है । इसी बीच प्रधानमंत्री और अन्य जनप्रतिनिधियों की ओर से चादर भेजी जा रही है। ऐसे में संवैधानिक पद पर बैठे नेताओं की ओर से भेजी गई चादर से मामला प्रभावित हो सकता है।

हालांकि सुनवाई से पहले पीएम मोदी की ओर से भेजी गई चादर केंद्रीय मंत्री किरन रिजिजू यहां लेकर पहुंचे और उन्होंने ख्वाजा के दर पर इसे पेश कर दिया है। इधर, कोर्ट ने इस मामले में अजमेर में 24 जनवरी की सुनवाई के लिए तारीख दी है।