मोदी ने अमेरिका में जाकर ट्रंप के लिए वोट मांगे, ये हॉउडी मोदी नहीं,चुनावी मोदी है
हमने सोचा हाउडी मोदी कार्यक्रम है ये तो ट्रंप सरकार इस बार चुनावी सभा निकली, एक देश का प्रधानमन्त्री अमेरिका में जाकर वोट मांग रहा है, मोदी देश में भी सिर्फ वोट मांगते रहे और अब अमेरिका में भी वही काम कर रहे हैं।
क्या कोई भी संप्रभु राष्ट्र इस हद तक जा सकता है, ये पूरे देश का अपमान है, ये अमेरिका की जनता कि जिम्मेदारी है कि वे किसे चुनें, कोई देश कौन होता है दूसरे देश में जाकर एक व्यक्ति के पक्ष में खड़े होने वाला।
ट्रंप ने भी एक निम्न स्तर छुआ है जब उन्होंने चुनाव में जीतने के लिए बाहरी मदद ली है, इस कार्यक्रम की विश्व भर में घोर आलोचना होगी, विशेषकर अमेरिका और ब्रिटेन के मीडिया में।
शायद यह पहला उदाहरण होगा, युद्ध के अलावा जब चुनाव में सामरिक मदद जैसा उदाहरण पेश किया जा रहा है। ट्रंप ने कहा कि मोदी ने 30 करोड़ लोगों को भारत में गरीबी रेखा से ऊपर पहुंचाया!
जबकि इन्हीं का फोर्ब्स कहता है कि 2005 से लेकर 2016 के मध्य भारत ने 27 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकाला, ट्रंप जी सुनिए 2005 से 2014 के मध्य कांग्रेस की सरकार थी,इसलिए बधाई पूर्व प्रधानमंत्री मन मोहन सिंह जी को दीजिए, यकीनन आपकी जुबान फिसल गई होगी।
ट्रंप जी आपने ठीक ही कहा है कि भारत ने पिछले वर्ष की तुलना में अमेरिका से 400% ज्यादा क्रूड आयात किया है, लगे हाथों ये भी बता देते कि ईरान से क्रूड संधि खत्म करने और आपसे क्रूड मंगाने, में भारत को कितनी विदेशी मुद्रा अधिक खर्च करनी पड़ी है और भारतीय खजाने को कितना नुकसान हुआ है।
-अरविंद वर्मा