जनमानस विशेष

मीडिया अन्याय से पीड़ित व्यक्तियों की मदद करने में सहभागिता निभाए- सआदत अली

By Raheem Khan

November 07, 2024

जयपुर। एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स (APCR) की ओर से आदर्श नगर, अशोक चौक जयपुर स्थित एपीसीआर प्रदेश कार्यालय में  A consultation Meeting With journalist विषय पर गेट टूगेदर का कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें एपीसीआर के प्रदेशाध्यक्ष एडवोकेट सैयद सआदत अली ने सभी मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि पीडित पर जुल्म हो रहा है तो मीडिया बिना जांचे परखे उस खबर को हाईलाइट ना करे। जैसे कि बात करें राजस्थान के परिपेक्ष में तो कुछ दिन पूर्व उदयपुर में हुए 2 छात्रों के झगडे को लोगों ने सांप्रदायिक रंग दिया और सरकारी तंत्र ने आरोपी छात्र सहित उसके पिता को गिरफ्तार कर उस किराए के मकान को जमीदोज कर दिया जिसमें वो अपंग बच्ची के साथ रह रहे थे।

उन्होंने कहा कि वहीं जहाजपुर में हुई धक्का मुक्की की घटना को सांप्रदायिक रंग दिया गया एवं स्थानीय विधायक द्वारा सरकारी तंत्र का इस्तेमाल करते हुए निर्दोष लोगों की करीब 60-70 दुकानों पर बुल्डोजर चलवाया। मौके पर मौजूद भीड ने उन दुकानों में लूटपाट एवं आगजनी की। इसी तरह के हालात भीलवाडा, शाहपुरा, जोधपुर जिले में भी सरकारी तंत्र ने पीडितों पर अन्याय किया है। इस तरह के अन्याय को बिना जांचे परखे मीडिया ने भी काफी हाइलाइट किया। उन्होंने कहा कि मीडिया चौथा स्तंभ है इसलिए मीडिया को हमेशा पीडितों की आवाज उठानी चाहिए। 

इस अवसर पर उन्होंने कहा कि एपीसीआर हमेशा से मजलूमों, बेकसूरों की निशुल्क पैरवी करता है चाहे वो किसी भी धर्म, जाति का हो। एपीसीआर किसी धर्म, जाति को देखते हुए नहीं बल्की वो अन्याय के खिलाफ पीडित व्यक्ति की मदद करता है। साथ ही उन्होंने मीडिया के साथियों से भी अपील करते हुए कहा कि आप भी जाति, धर्म के भेदभाव ना करते हुए पीडित व्यक्ति की आवाज को उठाएं ताकि उन्हें भी न्याय मिल सके। 

वहीं इस गेट टूगेदर कार्यक्रम में एपीसीआर के महासचिव मुजम्मिल रिजवी ने एपीसीआर का परिचय कराते हुए कहा कि पिछले कई सालों से एपीसीआर दबे-कुचले और वंचित वर्ग को कानूनी सहायता दिलाने, आम जनता को  उसके अधिकारों के संबंध में सूचित एवं शिक्षित करने, अन्याय के शिकार लोगों को कानूनी सुरक्षा उपलब्ध कराने, पीडित लोगों को कानूनी सुरक्षा दिलवाने का प्रयास कर रहा है। 

देश का संविधान सभी वर्गों के साथ न्यायपूर्ण व्यवहार का प्रावधान करता है। जो लोगों के अधिकारों को दिलाता है। बहुत सी सरकारी नीतियां भी जनहित के विरूद्व हैं। और लोगों को उनके अधिकारों से वंचित करती है। अलोकतांत्रिक और दमनकारी कानून जैसे टाडा, पोटा, यूएपीए और विभिन्न राज्यों द्वारा बनाए गए इन जैसे दूसरे काले कानून अन्यायपूर्ण ढंग से लाखों लोगों को निशाना बना रहे हैं। राजनीतिक हस्तक्षेप से भी उनकी कार्यक्षमता प्रभावित होती है। देशभर में लगातार पुलिस क्रूरता और बर्बरता के उदाहरण आए दिन देखने को मिलते हैं। न्यायपालिका की गति बहुत धीमी और इतनी पेचीदा है कि एक सामान्य नागरिक वहां जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाता। राजनेताओं में जनसेवा की कोई रूची नहीं है। राजनितिक गतिविधियां सत्ता प्राप्ति के खेल तक सीमित हो कर रह गई है। सरकार कई स्तरों पर कानूनी सलाह उपलब्ध कराती है। लेकिन इन प्रयासों में पारदर्शिता एवं जवाबदेही ना हो पाने की वजह से गति नहीं आ पाई है। 

वहीं इस अवसर पर उपस्थित सभी मीडियाकर्मियों ने भी पीडित, कमजोर, लोगों की कानूनी कार्रवाई करवाने में उनकी आवाज उठाने के साथ साथ उनकी मदद करवाने का अश्वासन देते हुए अपने विचार भी व्यक्त किए। 

वहीं गेट टूगेदर कार्यक्रम में एपीसीआर की एक्जिक्यूटिव मेम्बर रूखसाना उस्मान एवं एपीसीआर की असिस्टेंट कॉर्डिनेटर रब्बे उमा खान भी मौजूद रहीं। कार्यक्रम का संचालन एपीसीआर के सह सचिव अब्दुल गफ्फार ने किया।