राजस्थान में लोकसभा चुनाव के प्रचार की शूरूआत कांग्रेस पार्टी ने कांग्रेस का परम्परागत गढ़ माने जाने वाले शेखावाटी जनपद के लक्ष्मनगढ़ कस्बे मे सभा करके की। इस सभा को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट व प्रभारी महामंत्री अविनाश पाण्डे के अलावा सीकर जिले के कई नेताओं ने सम्बोधित किया। लेकिन सभा में मुख्यमंत्री व प्रदेशाध्यक्ष की मोजूदगी के बावजूद जिले के दो पूर्व मंत्री व मौजूदा विधायक राजेन्द्र पारीक व परसराम मोरदिया की गैर मोजूद रहे। उनके अलावा अन्य सभी विधायक व विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार सभी मोजूद थे। इनके अलावा टिकट नही मिलने पर खण्डेला से कांग्रेस के बागी उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़कर विधायक बनने वाले महादेव सिंह के मुख्यमंत्री के बगल मे बैठकर मंच साझा करते नजर आने पर भीड़ मे खास चर्चा रहीं।
सभा को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट ने सम्बोधित करते हुये भाजपा सरकार व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर जमकर कड़े प्रहार करते हुये जनता को भाजपा के दुष्प्रचार से सावधान रहने की हिदायत दी। मुख्यमंत्री गहलोत ने प्रधानमंत्री मोदी को सच्चाई से दूर फिल्मो की तरह ऐक्टिंग करने वाला ऐक्टर बताते हुये कहा कि मोदी के पुराने भाषणो की रिकार्डिंग अगर जनता को सूना दी जाये तो कांग्रेस को प्रचार करने की जरूरत ही नही। वोट अपने आप आएंगे। प्रभारी महासचिव अविनाश पाण्डे ने जनता से कांग्रैस के लोकसभा उम्मीदवारों को जिताने अपील की। प्रभारी मंत्री रघू शर्मा ने अपने सम्बोधन मे नेताओं को सीकर उम्मीदवार के प्रदेश मे सबसे अधिक मतो से जीतने का भरोसा दिलाया। राजस्थान में मंत्रीमंडल के गठन मे जिले के सीनियर विधायकों को जगह नही मिलने से जिले के विधायकों मे मुख्यमंत्री द्वारा अपनाई गई चयन प्रक्रिया को लेकर भारी असंतोष व्याप्त है। सीकर शहर विधायक व पूर्व मंत्री राजेन्द्र पारीक तो असंतोष के चलते पार्टी स्तर पर लोकसभा उम्मीदवार चयन को लेकर सीकर, जयपुर व दिल्ली तक की त्रिस्तरीय बैठको से भी अपने आपको पूरी तरह दूर रखने के साथ आज लक्ष्मनगढ मे मुख्यमंत्री व प्रदेशाध्यक्ष सहित प्रभारी महासचिव, व प्रभारी मंत्री की मोजूदगी मे प्रदेश मे चुनाव प्रचार करने की शूरुआती होने वाली पहली मीटिंग से भी दूरी बनाने को लेकर जिले मे उक्त सभा से अधिक चर्चा का विषय बना हुवा है। सीकर जिले की आठ विधानसभा क्षेत्रो में से सात विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार के जीतने से सात कांग्रेस विधायक हाकम अली, गोविंद सिंह डोटासरा, परसराम मोरदिया, राजेन्द्र पारीक, विरेन्द्र सिंह, दीपेन्द्र सिंह शेखावत व सूरेश मोदी के अलावा आठवे विधायक भी कांग्रैस के बागी उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़कर निर्दलीय विधायक बनने वाले महादेव सिंह मे से केवल मात्र लक्ष्मनगढ विधायक गोविंद सिंह डोटासरा को मंत्रीमंडल मे बतौर शिक्षा राज्यमंत्री जगह मिली है। मंत्री डोटासरा के मुकाबले जिले मे पूर्व मंत्री राजेंद्र पारीक व परसराम मोरदिया के अलावा विधानसभाध्यक्ष व मंत्री रहे दीपेंद्र सिंह शेखावत जैसे काफी सीनियर विधायक मंत्री पद ना मिलने से मात्र विधायक की हेसीयत से मोजूद है।
लक्ष्मनगढ़ की सभा को मुख्यमंत्री गहलोत, उपमुख्यमंत्री पायलट, प्रभारी महासचिव पाण्डे व मंत्री रघू शर्मा के अलावा लक्ष्मनगढ़ विधायक व मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा, पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुभाष महरिया व पूर्व विधानसभा अध्यक्ष दीपेंद्र सिंह ने भी सम्बोधित किया एवं उक्त नेताओं के अलावा मंच पर फतेहपुर विधायक हाकम अली, दांतारामगढ़ विधायक विरेन्द्र सिंह, नीमकाथाना विधायक सूरेश मोदी के अलावा खण्डेला से कांग्रैस उम्मीदवार रहे सुभाष मील, जिलाध्यक्ष पीएस जाट व निर्दलीय विधायक महादेव सिंह भी मोजूद थे। केवल सीकर विधायक व पूर्व मंत्री राजेन्द्र पारीक व धोद विधायक व पूर्व मंत्री मोरदिया की गैर हाजरी ने सबको पूरे समय आकर्षित करते हुये दिग्गज नेताओं की मोजूदगी के बावजूद कांग्रेस एकता के तार तार होते देख सबकी जबान पर एक ही शब्द था कि काश आज सभी कांग्रेस विधायक एक साथ नजर आते।
-अशफ़ाक़ कायमखानी
(लेखक राजनीतिक विश्लेषक है)