जनमानस विशेष

कुंभ में मुस्लिम परिवार बरसों से कर रहा है श्रद्धालुओं के रहने की फ्री व्यवस्था!

By khan iqbal

February 03, 2019

एक ओर जहां पूरे इलाहाबाद में गली मोहल्लों में सौ गज के मकान वाले लोग कुंभ मेला में संगम स्नान करने आए श्रद्धालुओं से मोटी रकम वसूल करके रात बिताने की जगह दे रहे हैं वहीं दूसरी ओर झूंसी की अनवर मार्केट में दशकों से आम श्रद्धालुओं के लिए फ्री में रहने की व्यवस्था प्रदान की गई है।

हमारे परदादा (परबाबा) अनवर अली का सिखाया सेवाभाव हम लोग आज भी निभा रहे हैं। परदादा के समय में यह बाग़ हुआ करता था। कुछ बारह-पंद्रह कच्ची दुकाने थी। फिर दादा जान (हाजी अकबर अली) का वक्त आया तो बाग़ ने मार्केट का रूप ले लिया और धीरे धीरे गंगापार की सबसे बड़ी मार्केट के तौर पर ‘अनवर मार्केट’ स्थापित हो गई।

संगम से डेढ़ किमी की दूरी और गंगा से आठ सौ मीटर दूर मौजूद मार्केट में कुंभ और माघ के सभी प्रमुख स्नानपर्वों पर सभी गेट खोल दिए जाते हैं। चौबीसों घंटे बेरोकटोक श्रद्धालु आते हैं। खाना बना कर छत के नीचे सोते हैं। अधिकतर पूर्वांचल की तरफ से आए हुए लोग रहते हैं। आज़मगढ़, गाज़ीपुर, बलिया, देवरिया से तो चालीस-पैतालिस सालों से लोग आ रहे हैं। आज लगभग पांच सौ से ज्यादा लोग रूके हुए हैं।

डॉर्मेंट्री और हॉस्टल के ज़माने में प्रति व्यक्ति पांच सौ से हजार रूपए तक वसूल लेने का दौर एक तरफ तो वहीं गंगा किनारे रहने वाले एक मुस्लिम खानदान की दरियादिली दूसरी तरफ।

उनको जो फर्ज़ है वो अहले सियासत जाने, मेरा पैग़ाम मोहब्बत है जहां तक पहुंचे।

-मोहम्मद अनस

(लेखक जाने माने पत्रकार और सोशल मीडिया विशेषज्ञ है)