COVID-19 महामारी से लड़ने के लिए राजस्थान सरकार ने क्वारंटीन तकनीक को रोकथाम की प्राथमिकता में रखते हुए सूबे में माइक्रो प्लानिंग को अपनाया।

राजस्थान

कैसे हैं राजस्थान के क्वारंटीन किले जहां से गहलोत सरकार लड़ रही है कोरोना के खिलाफ जंग ?

By अवधेश पारीक

June 04, 2020

कोरोना महामारी में केंद्र की सरकार के अलावा राज्यों के मुखिया की भूमिका भी नए पैमानों पर परखी गई है, जहां केंद्र की स्वास्थ्य संस्थाओं के दिशा-निर्देशों को तमाम राज्य की सरकारों ने कड़ाई से लागू किया है वहीं राज्यों के अपने मॉडल भी इन दिनों काफी चर्चित रहे हैं। जहां पिछले दिनों केरल मॉडल चर्चा में था वहीं हाल में केंद्र की ओर से 10 राज्यों पर कोरोना की रोकथाम को लेकर की गई एक सर्वे रिपोर्ट में राजस्थान को अव्वल पाया गया है।

ऐसे में हर किसी की बतकही में यह चर्चा का विषय बना हुआ है कि राजस्थान में भीलवाड़ा मॉडल के सफल होने के बाद किस तरह से गहलोत सरकार ने सूबे की जनता को इस वायरस की पकड़ से दूर रखा।

क्वारंटीन तकनीक साबित हुई रामबाण

COVID-19 महामारी से लड़ने के लिए राजस्थान सरकार ने क्वारंटीन तकनीक को रोकथाम की प्राथमिकता में रखते हुए सूबे में माइक्रो प्लानिंग को अपनाया। लॉकडाउन के शुरूआती दिनों से ही, सरकार ने कई क्वारंटीन केंद्र बनाए और बेड की क्षमता पर ध्यान दिया। हालांकि यह प्रक्रिया वर्तमान में जारी है, क्योंकि राज्य अभी लॉकडाउन के अंतिम दौर की ओर बढ़ रहा है।

अधिकारिक जानकारी के मुताबिक, मई महीने के अंत तक, राजस्थान में 1.8 मिलियन से अधिक लोगों को क्वारंटीन किया गया है जिसमें से अधिकतम 1.6 मिलियन अन्य राज्यों (प्रवासी) और विदेशों से आए लोग हैं, वहीं बाकी उन लोगों के संपर्क में थे जिनका कोविड टेस्ट पॉजिटिव आया या संदेहास्पद था।

आंकड़ों पर नजर डालें तो राज्य में इन दिनों 2.6 लाख से अधिक लोग क्वारंटीन में है जिनमें से 2.5 लाख लोग घरों में है जबकि 12 हजार लोग विभिन्न संस्थाओं में बनाए सेंटरों में है। हालांकि, वर्तमान में राज्य के ग्रामीण इलाकों में 5,836 क्वारंटीन सेंटरों में 1,85,602 बेड और 524 शहरी सेंटरों में 40,394 बेड की संस्थागत क्षमता है।

कैसे हैं क्वारंटीन सेंटर ?

राज्य सरकार की तरफ से बनाए गए क्वारंटीन सेंटरों दीवारों से ढ़के आइसोलेशन वार्ड नहीं है बल्कि सीएम गहलोत के निर्देशों के अनुसार, राज्य सरकार ने क्वारंटीन सेंटरों को एक विस्तृत दिशानिर्देशों के तहत बनाया है, जहां एक आईटी सिस्टम के साथ रहने वाले लोगों की मानसिक कांउस्लिंग की भी व्यवस्था की गई है।

प्रतीकात्मक फोटो

ऐसे भी कई उदाहरण देखने को मिले हैं जहां इन क्वारंटीन सेंटर्स में लोग दीवारों पर पैटिंग कर या कुछ डोनेट कर सरकार के प्रति अपना आभार व्यक्त कर रहे हैं।

लोक निर्माण विभाग एसीएस (ACS) वीनू गुप्ता कहती हैं कि,

“सरकार का मानना है कि लोग इन परिस्थितियों के कारण मानसिक रूप से चिंतित और भयभीत हो सकते हैं, इसलिए सभी तरह के संभव प्रयास क्वारंटीन सेंटरों पर किए जा रहे हैं ताकि लोगों को आराम मिले। खाने और रहने के अलावा हम लोगों का मनोबल बढ़ाने की भी तमाम व्यवस्था कर रहे हैं”।

वहीं कोरोना संक्रमितों के आंकड़ों पर एक नजर डालें तो राजस्थान में गुरुवार को 68 नए कोरोना पॉजिटिव मामले सामने आए जिनमें भरतपुर में 16, जयपुर, जोधपुर और चूरू में 12-12, कोटा में 7, झुंझुनू में 5, बाड़मेर में 2, सवाई माधोपुर और नागौर में 1-1 संक्रमित मिले। जिसके बाद कुल पॉजिटिव की संख्या 9720 पहुंच गई।