-मुसद्दिक मुबीन
आज उसने विदा ले ही ली । कुछ दिनों पहले ही लिखा था ‘ए बी डीविलियर्स यानी अब्राहम बेंजामिन डीविलियर्स …. क्रिकेट की दुनिया का वो नाम जहां ये बात फुजूल साबित हो जाती है कि आप किस टीम को पसंद और किस को ना पसंद करते है …. ए बी का तो आपको दीवाना होना ही पड़ेगा ! अब्राहम बेंजामिन डीविलियर्स… क्रिकेट की दुनिया का वो पता जहां पहुँच कर क्रिकेट का हर नियम धराशायी हो जाता है | .. बोलिंग कोचिंग्स में हमेशा ये सिखाया जाता है कि जब बैट्समेन लेग स्टम्प पर पूरा हट कर गेंद को बाउंड्री के बाहर फेंकने का मन बना रहा हो आप ब्लॉक होल ( में बोल डालिए लेकिन ब्लैक हॉल की इस सारी अवधारणा ही की ए बी ने ब्लैक एंड ब्लू पिटाई कर दी …. और बोलर्स के बुरे दिन ला दिये .॥ 2004 में आपने क्रिकेट कैरियर की शुरुआत करने वाले इस होनहार खिलाड़ी से मेरा परिचय तब हुआ था जब में 10वीं क्लास मे था … तब डीविलियर्स हर्षल गिब्स के साथ मिलकर साउथ अफ्रीका की शानदार और अतुल्य फ़िल्डिंग की खूबसूरत रिवायत को कुव्वत और ताजगी बख्श रहे थे ,,, तब इनकी बैटिंग के इतने जलवे नहीं थे …लेकिन जेसे जेसे उम्र बढ़ रही थी ये जवान होये जा रहे थे | और देखते ही देखते सबसे तेज़ फिफ्टी सबसे तेज़ शतक और सबसे तेज़ 150 का विश्व रेकॉर्ड बना दिया ॥ वेसे ये रेकॉर्ड उनकी बैटिंग की रचनात्मकता के आगे बोने हैं ….ये न होते तब भी ए बी ज़िंदा रेहता …’