राजस्थान

जमाअते इस्लामी हिन्द के ईद मिलन समारोह में दिया मुहब्बत और भाईचारे का पैग़ाम

By Raheem Khan

April 15, 2024

14 अप्रैल 2024, रविवार को जमाअते इस्लामी हिन्द राजस्थान की ओर से जयपुर में ईद मिलन समारोह का आयोजन मोती डूंगरी रोड स्थित इस्लामिक सेंटर में किया गया जिसमें सभी धर्मों के धर्माचार्यों, समाज सेवियों, मीडिया कर्मियों, चिन्तक, लेखक व सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों ने भाग लिया।

समारोह का प्रारम्भ करते हुए जमाअते इस्लामी हिन्द राजस्थान के प्रदेशाध्यक्ष मोहम्मद नाज़िमुद्दीन ने स्वागत भाषण में कहा कि देश इस समय गम्भीर रूप से नफ़रत की ओर बढ़ रहा है, यदि आपसी सहयोग और प्रेम बाक़ी नहीं रहा तो देश का वातावरण खराब होगा। उन्होंने कहा कि ईद का पैग़ाम मुहब्बत और भाईचारा है। उन्होंने उपस्थित लोगों से यह भी अपील की कि हम सबको वोट प्रतिशत बढ़ाने के लिए भी कोशिश करना चाहिए।

कार्यक्रम की अध्यक्षता जमाअते इस्लामी हिन्द के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. मुहम्मद सलीम इंजीनियर कर रहे थे। अपने अध्यक्षीय भाषण में उन्होंने कहा कि धर्म तोड़ने में नहीं बल्कि जोड़ने में विश्वास रखता है। जो व्यक्ति अद्ल व इंसाफ़ ना करे वह धार्मिक हो ही नहीं सकता। उन्होंने बताया कि इस्लाम व्यक्ति को अच्छा बुरा चुनने की स्वतंत्रता देता है, किसी से जबरन कोई बात नहीं मनवाई जा सकती है। परन्तु कुछ लोग जबरन देश का वातावरण ख़राब करना चाहते हैं। यह हम सब की ज़िम्मेदारी है कि आपस में प्यार मोहब्बत को बढ़ावा देकर देश की एकता बनाए रखें।

उन्होंने कहा कि न्याय के बिना शांति की स्थापना नहीं हो सकती, हम सबको फिलिस्तीनियों पर हो रहे अन्याय के खिलाफ आवाज़ उठानी चाहिए। फिलिस्तीन के लोगों को न्याय मिले, अपना देश और घर मिले। हमारे देश में भी स्थाई शांति हो। देश में धर्म के आधार पर हिंसा और नफरत का माहौल बनाया जा रहा है। धर्म हिंसा का कारण नहीं है बल्कि धर्म पर नहीं चलना हिंसा का कारण है। धर्म का दुरुपयोग करना हिंसा का कारण है। इंसान को इंसान बनाने के लिए ही धर्म आया है। धर्म के नाम पर झगड़ा करवाने वालों से हम सबको सावधान रहने की जरूरत है। ईश्वर ने हमें इंसान बनाया है हम सबका शरीर एक जैसा है। ईश्वर ने हमें आजादी दी है कि हम अपनी बुद्धि से अपना सही रास्ता चुने। यह स्वतंत्रता बहुत कीमती है। किसी पर कुछ थोपा नहीं जाएगा। हमें समाज में रहकर अपनी जिम्मेदारियां पूरी करनी चाहिए। सब कुछ छोड़ कर सन्यास ले लेना यह अतिवाद है। हमें बीच का रास्ता निकालना चाहिए।

उन्होंने कहा कि हम इस मुल्क को गलत राह पर नहीं जाने देंगे। हम सबको मिलकर समाज में नफरत फ़ैलाने वाले लोगो को रोकने की कोशिश करनी चाहिए। नफरत का मुकाबला मोहब्बत से ही किया जा सकता है। हमारा देश विविधताओं वाला है, हम एक दूसरे से संवाद करें, एक दूसरे का सम्मान करना सीखें। जहां हमारे कॉमन एजेंडा है उसमें एक दूसरे का सहयोग करें।

कृपाकुंज श्रीधाम वृंदावन के महंत हरिदास महाराज ने कहा कि हम सब वर्षों से साथ मिलकर रहते थे फिर यह हमारे बीच में वैमनस्यता कैसे आ गई? मिडिया और मोबाइल हमारे बीच जहर घोलने का काम कर रहा है। जो हमारे बीच जहर घोल रहे हैं ऐसे लोगों को निकाल कर बाहर कर देना चाहिए। एक दूसरे के बीच जो प्रेम पहले था अब नहीं है। हमारे बीच यह कट्टरता नेताओं ने घोली है उन्हे सिर्फ अपनी कुर्सी की चिंता है। हम सबको अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए। हमें हमारे बच्चों को सिखाना चाहिए हम एक थे, एक है और एक ही रहेंगे।

राजस्थान समग्र सेवा संघ के प्रदेश अध्यक्ष सवाई सिंह ने कहा कि जो पत्थर बरसा रहे हैं हमें उन पर फूल बरसाने चाहिए।कोई भी धर्म इतना कमज़ोर नहीं है के ढोल बजाने या नारे लगाने से ही खतरे में आ जाए।

ज्ञानविहार यूनिवर्सिटी के चेयरमैन सुनील शर्मा ने कहा कि हम सब पहले इंसान हैं। हम सबको मिलकर इंसानियत को बचाने का प्रयास करना चाहिए। हम सबको एक दूसरे को एक समझना चाहिए। इस देश को आगे बढ़ना है तो हर तरह के कट्टरवाद से बचना होगा। जब इंसान का दिल मोहब्बत से भरा होता है फिर किसी से दुश्मनी नहीं रहती।

जमियत उलैमा हिन्द के हाफ़िज़ मन्ज़ूर ने कहा कि हमें दूसरों के दुःख दर्द को महसूस करना चाहिए। हमें ईद की खुशियों में गरीबों को भी शामिल करना चाहिए। अपने माल में से कुछ हिस्सा फितरा, जकात, सदका निकाल कर गरीबों की मदद करना चाहिए। यह ईद मिलन हम सबको इस बात के लिए आगाह करता है कि पूरी दुनिया में जहां कहीं भी नाइंसाफी हो रही है उसके खिलाफ आवाज उठाए। हम सब बरसों से साथ रहते आए हैं, हमें ऐसे लोगों के मंसूबों को फेल करना चाहिए जो हमें आपस में लड़वाना चाहते हैं। यह हम सबकी जिम्मेदारी है।

दरगाह मीर कुर्बान अली सज्जादा नशीन हबीबुर्रहमान नियाज़ी ने कहा कि जमात ए इस्लामी हिंद हमेशा से संवाद में विश्वास करती है। मैं हमेशा से उन प्रोग्राम में शामिल होता रहा हूं। आपसी प्रेम और विश्वास को बढ़ाने के लिए हमारे हिंदू भाइयों को ईद मिलन और मुस्लिम भाइयों को दिवाली मिलन का आयोजन करना चाहिए।

पीयूसीएल की राष्ट्रीय अध्यक्ष कविता श्रीवास्तव ने कहा कि हम सबको बराबरी और समानता की बात करनी चाहिए। जब हम सब मिलकर गैर बराबरी को चुनौती देंगे तभी इंसाफ होगा।

महंत प्रवीण भैय्याजी ने कहा कि आजकल लोगों में आपसी सामंजस्य कम हो गया है, इसको बढ़ान के लिए समय समय पर ईद मिलन जैसे प्रोग्राम होते रहने चाहिए।

शिया आलिम मौलाना अली ईमाम नक़वी ने कहा हमारा मुल्क चमन है। यहां हर तरह के फूल हैं। हम सबको मिलकर सब त्योहार मनाने चाहिए।

राजस्थान मुस्लिम फ़ोरम के प्रदेशाध्यक्ष शब्बीर खान कार्पेट ने कहा कि दुनिया का कोई भी धर्म नफरत करना नही सिखाता सब मोहब्बत सिखाते हैं।

नईम रब्बानी ने कहा कि इस कार्यक्रम का मकसद है की सभी धर्मों के धर्मगुरु एक साथ आएं और अपनी ज़िम्मेदारी समझते हुए और समाज में फैल रही साम्प्रदायिकता को रोकने की कोशिश करें।

इस मौके पर गायत्री परिवार के रामराय शर्मा, दलित नेता मोहनलाल बैरवा, दलित मुस्लिम एकता मंच के अब्दुल लतीफ़ आरको ने भी आपसी सहिष्णुता बनाए रखने तथा विचारों के आदान-प्रदान करते रहने का आह्वान किया। सभी ने यह स्मरण कराया कि इन्सानियत जाती, धर्म व वर्ग के ऊपर है तथा सभी धर्मों, विचारों व भावनाओं का आदर करना होगा तभी भाईचारा और प्रेम होगा।