ब्यावर: जमाअते इस्लामी हिन्द, जिला ब्यावर, अजमेर और राजसमंद ने मिलकर करबला मार्ग, ब्यावर में रमज़ान के पवित्र महीने के आगमन पर “इस्तकबाल-ए-रमज़ान” कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम का संचालन महबूब खान ने किया। इस मौके पर तीनों जिलों के इस्लामी विद्वान, धर्मगुरु, उलमा-ए-दीन और मस्जिदों के इमाम बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
कार्यक्रम की शुरुआत हाफिज मोहम्मद इम्तियाज ने कुरान की तिलावत से की। जमाअते इस्लामी हिन्द के संयुक्त सचिव मुमताज अली ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की।
कार्यक्रम में हाफिज अब्दुल हकीम, मौलाना रईसुद्दीन, मौलाना सुभान, हाफिज हिसामुद्दीन, मौलाना फरदीन काठत, मौलाना शमसुद्दीन काठत, मौलाना जावेद, मौलाना खालिद और डॉक्टर जावेद हुसैन जैसे गणमान्य अतिथि उपस्थित थे। सभी अतिथियों ने रमज़ान के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह महीना बरकत वाला है, जिसमें अच्छे कर्मों का फल कई गुना बढ़ जाता है।
अतिथियों ने कहा कि रोज़ा सिर्फ भूखे-प्यासे रहने का नाम नहीं है। इसका असली मकसद बुरे कामों से बचना और ज्यादा से ज्यादा नेक काम करना है। उन्होंने गरीबों, अनाथों, विधवाओं और बेसहारा लोगों की मदद करने पर जोर दिया और कहा कि रमज़ान का महीना हमें बाकी 11 महीनों के लिए तैयार करता है, यह प्रशिक्षण का महीना है।
जमाअते इस्लामी हिन्द के संयुक्त सचिव मुमताज अली ने कहा कि उलमा-ए-दीन और मस्जिदों के इमाम मुस्लिम समुदाय के लीडर हैं, इसलिए उनकी जिम्मेदारी बड़ी है। उन्होंने लोगों से इस महीने का ज्यादा से ज्यादा फायदा उठाने और बुराइयों से बचने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि अगर लोग बुराइयों और फिजूल रस्मों-रिवाजों से बचेंगे तो अमन-चैन कायम होगा और सभी प्यार से रहेंगे। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में उलमा-ए-दीन और मस्जिदों के इमाम शामिल हुए।