कैसे चुपके से एक ऐतिहासक इमारत उचका ली जाएगी ?
जयपुर का सूचना केंद्र महज़ एक इमारत नही एक निशानी है गुलाबी नगर कि ऐतिहासिकता को बयां करती हुई। शहर के बीचों बीच सवाई मानसिंह अस्पताल से थोड़ा पहले अजमेरी गेट कि ओर स्थित सूचना केंद्र एक ऐसा स्थान रहा है जहाँ मौजूद लाइब्रेरी ने किताबों का अथाह भंडार समोहा हुआ है। समाजिक कार्यकर्ता निशा सिद्धू लिखती हैं कि यह सूचना केंद्र मात्र एक इमारत नही है,देश की जानी मानी हस्तियों ने यहां दस्तक दी,महान विभूतियों को सुनने का अवसर प्रदान किया,अनेक विद्यार्थी यहां बैठकर दिनभर अध्धयन करते हैं,अपने आप मे ही अनूठा ज्ञान का भंडार है सूचना केंद्र,वर्षों पुरानी किताबें अखबार,खबर का पता यहां आसानी से किया जा सकता है,इन एक छत के नीचे बहुत कुछ कलेजे से लगाकर रखने जैसा है।
सरकार ने सूचना केंद्र पर कभी तवज्जोह दी ही नही ओर अब इसे यहां स हटाने की पूरी तैयारियां हो गयी हैं। निशा सिद्धू कहती हैं कि राज्य सरकार कि नाकामी का ठोस उदाहरण है कि सरकार ने हाई कोर्ट के समक्ष अपना पक्ष मज़बूती से नही रखा। विद्यार्थियों के हितों को सामने रखते हुए तुरन्त प्रभाव से ये निर्णय वापस लिया जाना चाहिए।
रिपोर्ट जनमानस राजस्थान