राजनीति

कांग्रेस बार बार क्यों बदल रही है अपने घोषित उम्मीदवारों के नाम!

By khan iqbal

March 25, 2019

इस बार कांग्रेस पार्टी ने काफी जगह मुस्लिम उम्मीदवार इसलिए लोकसभा चुनाव मे उतारे है कि अव्वल तो वहां से कांग्रेस उम्मीदवार के जीतने के कोई चांसेज ही नहीं होते है। बल्कि कांग्रेस उम्मीदवार के चुनाव लड़ने के कारण सेक्यूलर मतो में बंटवारा होकर अन्य उम्मीदवार के जीतने के चांसेज अधिक हो जाते है।

कांग्रेस पार्टी ने जब बिहार मे तारिक अनवर को उनकी पैतृक सीट कटिहार की बजाय अन्य जगह किशनगंज से उम्मीदवार बनाने की कोशिश की तो तारिक अनवर के दबाव के कारण फिर से कटिहार से ही उम्मीदवार बनाने पर कांग्रेस को मजबूर होना पड़ा।

इसी तरह कांग्रेस ने मुरादाबाद में भी सेक्यूलर मतो का बंटवारा करने की कोशिश की है। मुरादाबाद से भी कांग्रैस के घोषित उम्मीदवार राजब्बर को हार नजर आई तो वो भागकर आगरा चले गये ओर कांग्रेस ने शायर इमरान प्रतापगढ़ी को मुरादाबाद से उम्मीदवार बनाकर भेजा है, ताकि सेक्यूलर मतो का बंटवारा हो सके!

कांग्रेस ने जब यूपी की अमरोह लोकसभा सीट पर भी सेक्यूलर मतो के बंटवारे का खेल खेलना चाहा तो अमरोह से कांग्रेस के घोषित उम्मीदवार व पूर्व राज्य सभा सदस्य राशिद अल्वी के चुनाव लड़ने से मना करने के बाद कांग्रेस को वहां भी उम्मीदवार बदलना पड़ा है।

ज्ञात रहे कि मुरादाबाद को लोटो के कारण जानने के अलावा 13-अगस्त 1980 मे ईद के दिन ईदगाह मे पुलिस गोली से तेरह नमाजियों को भूनने के कारण भी जाना जाता है। 1980 के मुस्लिम मुरादाबाद जनसंहार के समय यूपी व केंद्र दोनो जगह कांग्रेस की सरकारे थी।

-अशफाक कायमखानी

(लेखक राजनीतिक विश्लेषक है)