15 अप्रैल को 10 दिन से लगातार स्क्रीनिंग और घर-घर सर्वे के काम पर लगी एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और एक निजी अस्पताल एम्बुलेंस चालक पॉजिटिव पाया गया था जिसके बाद संक्रमण चैन शुर हो सकती है !

जनमानस विशेष

कोटा : लापरवाह प्रशासन ! पॉजिटिव आशा कार्यकर्ता के संपर्क में आया डिस्पेंसरी स्टाफ ड्यूटी पर ?

By khan iqbal

April 17, 2020

राजस्थान के कोटा में कोरोना संक्रमण लगातार अपने पांव पसार रहा है, ताजा आंकड़ों के मुताबिक शुक्रवार शाम तक कोटा में 6 नए संक्रमितों की पुष्टि की गई है। आज पाए गए 6 पॉजिटिव मामलों में 13, 14 और 17 साल के तीन बच्चों सहित 20 साल का युवक और 30 और 36 साल की दो महिलाएं शामिल हैं।

इसी के साथ कोटा शहर में अब कोरोना पॉजिटिव का आंकड़ा 92 पहुंच चुका है। मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. विजय सरदाना का कहना है कि सभी संक्रमित शहर के हॉटस्पॉट एरिया चंद्रघाट मकबरा के रहने वाले हैं। गौरतलब है कि इस इलाके में अब तक 76 कोरोना संक्रमित मिल चुके हैं।

जनमानस राजस्थान को मिली जानकारी के मुताबिक 17 अप्रैल को पॉजिटिव आए 6 लोगों में से एक 36 वर्षीय आंगनवाड़ी कार्यकर्ता विमला (बदला हुआ नाम) है जिनकी आज आई जांच रिपोर्ट में वह पॉजिटिव पाई गई है जिसके बाद उसे NMC अस्पताल में भर्ती किया गया है। आइए अब आपको बताते हैं कि हमने आपको 6 पॉजिटिव में से सिर्फ एक के बारे में मुख्य तौर पर क्यों बताया और क्यों यह मामला पूरे प्रशासन की लापरवाही के चिथड़े खोलता है।

राजस्थान पत्रिका की एक खबर के मुताबिक 15 अप्रैल को 10 दिन से लगातार स्क्रीनिंग और घर-घर सर्वे के काम पर लगी एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और एक निजी अस्पताल एम्बुलेंस चालक पॉजिटिव पाया गया। अब एक आशा के संक्रमित पाए जाने की खबर मिलते ही अन्य पूरी टीम में दहशत फैली और सभी काम छोड़कर किशोरपुरा थाना जा पहुंची।

प्रतीकात्मक फोटो

अब इस पूरे मामले में विभाग की घोर लापरवाही सामने आती दिख रही है जहा हमनें संक्रमण फैलने की पड़ताल की तो पाया कि आशा कार्यकर्ता का सैम्पल लेने के बावजूद उसके संपर्क में आए संदिग्धों को आइसोलेट नहीं किया गया है।

जनमानस राजस्थान ने शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, चंद्रघटा मकबरा कोटा के एक एनएम से बात की उन्होंने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि, “17 अप्रैल को पॉजिटिव पाई गई दूसरी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता संदिग्ध होने के बावजूद कल तक हमारी डिस्पेंसरी में हर किसी के संपर्क में थी, जबकि 15 अप्रैल को ही उसके साथ काम करने वाली पहली आशा की रिपोर्ट पॉजिटिव आ चुकी थी।

बकौल एनएम दूसरी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता विमला का टेस्ट 16 अप्रैल की रात पॉजिटिव आया इसका मतलब पिछले 5 दिनों में उसके संपर्क में आया हर शख्स संदिग्ध है लेकिन हमारी पूरी डिस्पेंसरी के स्टाफ को अभी तक किसी प्रकार के आइसोलेशन के ऑर्डर नहीं मिले हैं। हम आज 17 अप्रैल को भी पूरे दिन ड्यूटी करके आए हैं जिनमें हमनें मकबरा इलाके में कई लोगों की जांच की है। जनमानस राजस्थान को डिस्पेंसरी के स्टाफ की 17 अप्रैल की ड्यूटी के दौरान फोटो भी मिली है।  

वहीं डिस्पेंसरी के एक अन्य कार्मिक बताते हैं कि “हमें कहा गया था कि डिस्पेंसरी के पूरे स्टाफ को 5 दिनों के क्वारंटीन में रहना है लेकिन जब हम ड्यूटी पर वैसे ही जा रहे हैं तो ये किस तरह का क्वारंटीन हुआ” ?

प्रतीकात्मक फोटो

गौरतलब है कि कोटा के भीमगंजमंडी इलाके से संक्रमण की शुरूआत हुई जो 5 किलोमीटर दूर मकबरा इलाके तक जा पहुंचा जिसके बाद फैलता हुआ चन्द्रघटा तक चला गया है। पिछले 10 दिनों में वायरस के 90 से अधिक मामले सामने आए हैं।

वहीं इस पूरे मसले पर कोटा CMHO डॉ. बीएस तंवर सारे आरोपों को नकारते हुए कहते हैं कि, हमने आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के पॉजिटिव मिलते ही डिस्पेंसरी के सेनेटाइज करवा दिया। आगे वे जोड़ते हैं कि हमने आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के संपर्क में आए डॉक्टर और एनएम को आइसोलेट कर दिया है और डिस्पेंसरी में नए डॉक्टर की नियुक्ति कर दी है।

17 अप्रैल को भी उसी डिस्पेंसरी के एनएम ड्यूटी पर गए हैं इस सवाल पर डॉ. तंवर कहते हैं कि “मैं भी उन सभी एनएम से पूछना चाहता हूं जो संपर्क में आने की बात कह रहे हैं कि क्या उन्होंने टेस्टिंग के लिए जाते समय पूरे सुरक्षा नियमों की पालना की ? क्या उन्होंने सुरक्षा लिहाज से काम आने वाले उपकरणों का इस्तेमाल किया ?

आगे वे जोड़ते हैं कि “ऐसे मैं आज उसी डिस्पेंसरी में जाकर आया हूं तो क्या मैं पॉजिटिव हो जाउंगा क्या” ? लेकिन संदिग्ध एनएम के मकबरा इलाके में ड्यूटी पर जाने को लेकर उनकी तरफ से हमें कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिला।

मकबरा क्षेत्र है कोटा का सबसे बड़ा हॉटस्पॉट

आपको बता दें कि गत 6 अप्रैल को जयपुर के एक टैक्सी ड्राइवर के कोटा लौटने के बाद उसे कोरोना पॉजिटिव पाया गया था जिसकी भीलवाड़ा जिले की ट्रैवल हिस्ट्री पाई गई जिसके बाद मकबरा एरिया में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैला।

वहीं एक अन्य इलाके तेलघर से भी कोरोना के 16 मामले सामने आ चुके हैं जहां एक 50 वर्षीय व्यक्ति की मौत के बाद उसे कोरोना पॉजिटिव पाया गया जो जयपुर के अपने रिश्तेदार से संक्रमित हुआ था।

मकबरा क्षेत्र कैसा इलाका है ?

कोटा के रहने वाले लोगों से पता चलता है कि मकबरा इलाके की भौगोलिक परिस्थितियां ऐसी है कि यहां तंग गलियां हैं, जहां बहुत कम जगह पर आबादी का घनत्व ज्यादा है। वहीं पुलिस और प्रशासन के सामने लॉक़डाउन की पालना करते हुए लोगों की जांच करना यहां बड़ी चुनौती साबित हो रही है।