राजस्थान

धारीवाल और डोटासरा की तू-तू मैं-मैं राजस्थान कांग्रेस में कुछ अलग होने का संकेत दे रही है !

By admin

June 05, 2021

दो दिन पहले बुधवार को मुख्यमंत्री गहलोत द्वारा सरकारी निवास पर मंत्रीमंडल की वर्चुअल मीटिंग करते समय अचानक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व शिक्षा मंत्री गोविंद डोटासरा द्वारा वेक्सीनेशन को लेकर राष्ट्रपति के नाम सभी जिला कलेक्टरस को ज्ञापन देने की बात की.

इसके तुरंत बाद नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल द्वारा सख्त एतराज करने पर सभी मंत्रियों के सामने दोनो मंत्रियों मे तीखी तकरार हुई.

इसको चाहे कोई हलके मे बता रहा होलेकिन यह तकरार आगे चलकर काफी कुछ रंग दिखाती नजर आयेगी। दोनो मंत्रियों की आपसी तकरार में एक दुसरे को देख लेने व ऐसे अध्यक्ष बहुत देखे हैं कि बात कहने से मामला बढते देख मीटिंग के मध्य मुख्यमंत्री को कम्प्यूटर बंद करवाने पड़े थे.

गहलोत-पायलट समर्थक विधायकों के मध्य पिछले साल चली खींचतान के मध्य जुलाई-2020 मे अचानक गहलोत की मेहरबानी से काफी जूनियर गोविंद डोटासरा को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को बना दिया गया।

लेकिन अधिकांश सीनियर नेता उसको अभी तक पचा नहीं पा रहे हैं और ना ही उनको अभी तक कोई सीरीयस लेने को तैयार नजर आ रहा है।

डोटासरा की प्रदेश कार्यकारिणी का विस्तार भी नही हो पाया है।और ना ही 39 जिला व 400 ब्लॉक कार्यकारिणी अभी तक गठित कर पाये है। उनके द्वारा प्रदेश अध्यक्ष के रुप मे एक साल से जारी करने वाले विभिन्न कार्यक्रमों सम्बंधित जारी आदेशो को भी सीनियर लीडर गम्भीरता से नही ले रहे है।

समय पर कितनी उंची व मंद आवाज मे बोलने के माहिर मंत्री शांति धारीवाल ने बुधवार को मंत्रिमंडल की मीटिंग मे प्रदेश अध्यक्ष डोटासरा द्वारा जिला कलेक्टर को ज्ञापन देने के कहने पर एतराज जताने पर मचे बवाल के बाद शुक्रवार को अपने प्रभार वाले जिले जयपुर में नहीं रुके और ना ही कही अन्य जगह ज्ञापन देने के कार्यक्रम मे शामिल हुये।

अपनी बात पर कायम रहने वाले धारीवाल ही मात्र एक ऐसे नेता है जो गहलोत की तीनों सरकारों के समय नगरीय विकास मंत्री बनाये गये है। उन्हें मुख्यमंत्री का काफी विश्वसनीय व फायनेंस मेनेजमेंट का आदमी माना जाता है।

जबकि डोटासरा का कम प्रभावशाली होना उसके अध्यक्ष बनने का रास्ता बनना माना जा रहा है।

बुधवार को मंत्रिमंडल की मीटिंग मे डोटासरा-धारीवाल मे मचे भारी बवाल के बाद शुक्रवार को प्रदेश कांग्रेस के आदेशानुसार सभी जिला कलेक्टरस को मुफ्त वेक्सिनेशन को लेकर राष्ट्रपति के नाम प्रभारी मंत्रियों की अगुवाई मे दिये गये ज्ञापन के सिलसिले में धारीवाल के प्रभार वाले जयपुर कलेक्टर को किसी प्रभारी मंत्री के बजाय विधायक रफीक ख़ान ने देकर औपचारिकता पूरी की।

जबकि जयपुर मे प्रदेश अध्यक्ष डोटासरा ने राज्यपाल को ज्ञापन सोंपा।डोटासरा के साथ भी कोई भी सीनियर नेता ज्ञापन देते समय उनके साथ मोजूद नही था।

प्रदेश कांग्रेस के आदेशानुसार शुक्रवार को राष्ट्रपति के नाम प्रभारी मंत्री के नेतृत्व मे जिला कलेक्टर को दिये जाने वाले ज्ञापन के समय सभी कांग्रेस विधायक व विधानसभा लोकसभा उम्मीदवारों को मोजूद रहने को प्रदेश कांग्रेस द्वारा पाबंद करने के बावजूद डोटासरा के गृह जिले सीकर मे प्रभारी मंत्री सुभाष गर्ग के कलेक्टर को ज्ञापन देते समय कांग्रेस के सात विधायकों मे से हाकम अली, वीरेन्द्र सिंह व सुरेश मोदी मौजूद थे।

जबकि डोटासरा स्वयं जयपुर थे। लेकिन पूर्व मंत्री व धोद विधायक परशराम मोरदिया, व पूर्व मंत्री व शहर विधायक राजेन्द्र पारीक एवं पूर्व विधानसभा अध्यक्ष व श्रीमाधोपुर विधायक दीपेंद्र शेखावत के साथ साथ लोकसभा उम्मीदवार सुभाष महरिया व खण्डेला से कांग्रेस उम्मीदवार रहे सुभाष मील की प्रदेश स्तर पर मचे बवाल के बावजूद गैर मौजूदगी काफी चर्चा का विषय बना हुवा है।

कुल मिलाकर यह है कि मुख्यमंत्री के विश्वसनीय मंत्री शांति धारीवाल द्वारा मीटिंग मे प्रदेश अध्यक्ष डोटासरा के लिये बहुत देखे है ऐसे अध्यक्ष कहना व शुक्रवार को कार्यक्रम मे कही पर भी शामिल नही होने को राजनीति पर नजर रखने वाले के अनुसार हलके मे नही लिया जा सकता है।

मंत्री सुखराम विश्नोई द्वारा गाडी व अंगरक्षक लोटाने सहित लगातार रुक रुककर गठित होने वाली अनेक गठना़ओ से साफ लगता है कि राजस्थान की कांग्रेस सरकार मे अंदर ही अंदर खिचड़ी जरूर पक रही है

-Ashfaq Kayamkhani