जनमानस विशेष

मेरा नाम सुनकर उन्होंने संतरे फेंक दिए,बोला,”तुम मुसलमान हो कोरोना संक्रमित हो!”

By khan iqbal

April 08, 2020

मीडिया के एक बड़े वर्ग द्वारा पिछले कुछ दिनों से तब्लीग़ी जमात को लेकर फैलाए गए भ्रम की साम्प्रदायिक प्रतिक्रिया देशभर में देखने को मिल रही है।

दिल्ली, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों से मुस्लिम फेरीवालों, सब्ज़ी की दुकान लगाने वालों को तब्लीग़ी और कोरोना संक्रमित कह कर उनके साथ की गई अभद्रता के कई मामले सामने आए हैं।

राजस्थान में यूपी के फेरीवालों को धमकाया गया है, दिल्ली में सब्ज़ी बेचने वालों को हिन्दू आबादी वाले क्षेत्र में आने से मना किया गया है और उत्तर प्रदेश के मुज़फ्फरनगर में कई स्थानों पर मुसलमानों के फल, सब्ज़ी इत्यादि बेचने का विरोध किया गया है।

जयपुर में फल बेचने वाले मुसलमानों का किया गया बहिष्कार

राजस्थान के जयपुर में पिछले दो दिनों में फलों के ठेले लगाने वाले मुस्लिम युवाओं के साथ कई स्थानों पर पुलिस और आम लोगों द्वारा अभद्रता का मामला सामने आया है। कई स्थानों पर मुस्लिम नाम होने के कारण सामान लेने से इंकार कर दिया गया है।

इंडिया टुमारो से बात करते हुए कई फल बेचने वालों ने अपनी आप बीती सुनाई। मोहम्मद साजिद ने अपने साथ हुई घटना का ज़िक्र करते हुए बताया, “मैं बरेली का रहने वाला हूँ और यहाँ हर रोज़ की तरह फैरी कर रहा था तभी दो पुलिस वाले आकर मेरा नाम और पता पूछे।

मैंने बताया कि मेरा नाम मोहम्मद साजिद है और मैं बरेली का रहने वाला हूँ। प्रताप नगर सेक्टर 35 में रहता हूँ।”

साजिद ने आगे बताया, “मेरा नाम सुनकर पुलिस वाले ने कहा, ‘साले यहाँ से चला जा वरना तेरी टाँगे तोड़ देंगे, अब से इस गली में नज़र मत आ जाना। वो बहुत दूर तक मेरे पीछे आते रहे और मैं ठेला लेकर घर आ गया”

मोहम्मद साजिद जयपुर के सांगानेर क्षेत्र में टोंक रोड पर हर रोज़ ठेला लगाते हैं।

इसी तरह साजिद के ही एक और साथी मोहम्मद नदीम जो फलों का ठेला लगाते हैं, अपने साथ हुई घटना को इंडिया टुमारो से साझा करते हुए कहते हैं, “मैं हल्दीघाटी चौराहे पर हर रोज़ की तरह ठेला लगाया था।

तभी एक आंटी आईं और संतरे देने के लिए कहा। मैं संतरे तौल ही रहा था तभी उन्होंने मेरा नाम पूछा और नाम सुनते ही संतरे ठेले पर रखते हुए बोलीं, “हम मुसलमानों से सामान नहीं लेंगे” कहते हुए चली गईं।

मोहम्मद गुफरान नाम का युवक भी आप बीती सुनाते हुए कहता है, “मैं एक मेडिकल स्टोर के पास में अपने फलों का ठेला लगाता हूँ। उस दिन जब ठेला लेकर गया तो मेडिकल स्टोर के मालिक ने पास आकर कहा, ‘यहाँ ठेला मत लगाओ’।

मैंने उनसे वजह पूछी तो उन्होंने कहा कि, “तुम्हारे ये जमाती लोग आए हैं सेक्टर 35 में और तुम लोग कोरोना फैला रहे हो” ये कहकर मेडिकल स्टोर वाले ने मुझे वहाँ से भगा दिया।”

ठेला लगाने वाले एक और मुस्लिम युवक मोहम्मद वसीम ने बताया, “मैं गलियों में फल बेच रहा था तभी वहाँ कुछ लोगों ने मुझसे मेरा नाम पूछा। मैंने जैसे ही अपना नाम बताया, उन्होंने कहा कि “हम तुमसे फल नहीं लेंगे, तुम मुसलमान हो, यहाँ से चले जाओ।”

तीन दिन पूर्व ऐसी ही एक घटना राजस्थान के भरतपुर शहर में हुई। जहाँ एक गर्भवती महिला को इसलिए अस्पताल में भर्ती नहीं किया गया क्योंकि वह मुसलमान थी। महिला के पति ने डॉक्टर पर धर्म पूछकर इलाज न करने का आरोप लगाया था।