राजस्थान की राजधानी जयपुर में दीपावली की पूर्व संध्या पर 26 अक्टूबर शनिवार को शहीद स्मारक पर साम्प्रदायिक सद्भाव में विश्वास रखने वाले विभिन्न सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ता और पदाधिकारियों ने “एक दीपक साम्प्रदायिक सद्भाव” का जलाया।
राजस्थान नागरिक मंच के महासचिव बसन्त हरियाणा ने बताया कि इस अवसर पर जयपुर शहर पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव ने “सद्भाव का दीपक जलाकर” राज्य में शांति और साम्प्रदायिक सौहार्द की कामना की।
फोरम फ़ॉर डेमोक्रेसी एंड कम्युनल एमिटी के प्रदेशाध्यक्ष सवाई सिंह ने सद्भाव का दीप प्रज्वलित कर कहा कि हमारा देश विविधता में एकता वाला देश है।यंहा हिन्दू और मुसलमान वर्षों से दीपावली और ईद साथ मिलकर मनाते आए हैं। इस देश की संस्कृति गंगा जमुनी तहजीब है लेकिन कुछ लोगों को इस देश की यह गंगा जमुनी तहजीब पसंद नहीं है। वे नफरत के जरिए सत्ता में रहना चाहते हैं और अपनी जहरीली विचारधारा के अनुसार मुल्क को चलाना चाहते हैं। ऐसे लोगों को हम आपसी प्रेम और भाईचारे का संदेश देना चाहते हैं।
कार्यक्रम के संयोजक मोहम्मद फ़ारूक़ खान का कहना है कि पिछले कुछ बरसों में देश का सद्भाव का मजबूत ताना बाना कमजोर हुआ है, लोगों में दूरियां बनी हैं। छोटी छोटी बातों पर लोग एक दूसरे की जान लेने पर उतारू हो जाते हैं। इसलिए आज मुल्क को सबसे ज्यादा जरूरत सद्भाव की है, गंगा जमुनी तहजीब को मजबूत करने की है। इसके लिए एक देशव्यापी अभियान चलाने की जरूरत है। अब सवाल यह है कि इस अभियान को कैसे चलाया जाए ? यह अभियान एक दूसरे के त्यौहारों को मनाने, उनके सुख दुःख में शरीक होने से चलेगा। इसके लिए जरूरी नहीं है कि कोई केन्द्रीय नेतृत्व हो, कोई संगठन बने या किसी व्यक्ति विशेष की छत्रछाया में इसकी शुरुआत हो। यह अभियान हर व्यक्ति, हर परिवार अपने स्तर पर चला सकता है।
राजस्थान नागरिक मंच के महासचिव बसन्त हरियाणा का कहना है कि इस देश में लोग एक दूसरे के त्यौहारों पर शरीक होते हैं और उन्हें मिलकर मनाते हैं। इसलिए हम इस मिलीजुली संस्कृति को मजबूत करें, यह इस मुल्क की, यहाँ बसने वाली अवाम की सबसे बड़ी खिदमत होगी। इसके लिए जरूरी है कि हम दीपावली, ईद, क्रिसमस, गुरु नानक जयन्ती जैसे त्यौहार मिलकर मनाएं।
प्रोफेसर मोहम्मद हसन ने कहा कि उर्दू के मशहूर शायर अल्लामा इकबाल ने भगवान राम को इमाम ए हिन्द कहा था, यानी हिन्दुस्तान का सरदार और रहबर। भगवान राम ने अन्याय, अत्याचार और नफरत के खिलाफ जद्दोजहद करने की तालीम दी थी। आज उस तालीम पर अमल करने और अपने दिलो दिमाग से नफरत को उखाड़ फेंकने की जरूरत है।
जयपुर पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव ने कहा कि इस तरह के सद्भावना के आयोजन पूरे देश मे किए जाने चाहिए। हम सबको ऐसे आयोजन से जुड़कर सद्भाव को मजबूत करने की जरूरत है, ताकि हमारा देश मजबूत हो और यहाँ से नफरत के बादल छंट जाएं और यहाँ की गंगा जमुनी तहजीब की खुशबू पूरी दुनिया को महका दे।
इस अवसर पर कश्मीर से कन्याकुमारी तक शांति और सद्भाव का संदेश लेकर निकले दस सदस्यीय साइकिल यात्रियों का भी जयपुर पहुंचने पर स्वागत किया गया। कार्यक्रम में एडवोकेट मुनाजिर इस्लाम, धर्मवीर कटेवा, लोकेश साहिल, पवन देव, साबिर क़ुरैशी, मुराद खान चांद, महतराम काला, रामावतार अग्रवाल, अनिल गोस्वामी, सगीर अहमद, लल्लू भैया, विजय स्वामी, आर सी शर्मा, शैलेन्द्र अवस्थी, भूरे सिंह, धर्मेंद्र अचरा, संजय रॉवका, सहित बड़ी संख्या में सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ता और पदाधिकारी उपस्थित थे।