राजस्थान के चूरू जिले के एक छोटे से गांव कड़वासर की बेटी मीनाक्षी राठौड़ के गाए राजस्थानी गाने इन दिनों सोशल मीडिया पर धमाल मचा रहे हैं।

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रूढ़िवादी परंपराओं को तोड़ती चुरू की बेटी मीनाक्षी, 20 लाख लोगों ने देखा पहला राजस्थानी गाना

By अवधेश पारीक

November 11, 2019

आपने सुना होगा कि अगर मेहनत और जुनून एक साथ हो जाएं तो आपको अपने मुकाम पर पहुंचने से इस दुनिया की कोई भी ताकत या कठिनाई नहीं रोक सकती है। इसी कहावत को साकार कर रही है राजस्थान के चूरू जिले के एक छोटे से गांव कड़वासर की बेटी मीनाक्षी राठौड़। जी हां, मीनाक्षी के सुर में गाए राजस्थानी गाने इन दिनों सोशल मीडिया पर धमाल मचा रहे हैं.

मीनाक्षी राजस्थानी संगीत को अपने गानों के जरिए हर रोज नए आयाम दे रही है। हाल कुछ ऐसा है कि कल तक एक साधारण सा नाम मीनाक्षी आज किसी के परिचय की मोहताज नहीं रही है। आपको बता दें कि यूट्यूब पर मीनाक्षी का पहना राजस्थानी गाना 20 लाख से अधिक बार देखा जा चुका है।

कड़वासर मीनाक्षी चली मजिस्ट्रेट बनने बन गई सिंगर

खेतीबाड़ी करने वाले मीनाक्षी के पिता अपनी बेटी की इस सफलता से खुश होते हुए बताते हैं कि मैं मेरी बेटी को मजिस्ट्रेट बनते हुए देखना चाहता था। हालांकि मीनाक्षी ने अपने माता-पिता के सपने को पूरा करने के लिए खूब मेहनत की लेकिन नियति ने उनकी मंजिल कहीं और ही तय कर रखी थी।

मीनाक्षी ने अपनी पढ़ाई बीकानेर के डूंगर कॉलेज से पूरी की जहां से एलएलबी करने के बाद मजिस्ट्रेट परीक्षा के लिए तैयारी की लेकिन बहुत कम नंबरों से वो चूक गई।

मीनाक्षी का बाईसा रो रूप गाना हुआ वायरल

मजिस्ट्रेट का ख्वाब छोड़ मीनाक्षी ने अपनी बचपन की सिंगर बनने की इच्छा में फिर जान फूंकनी शुरू कर दी। मीनाक्षी ने राजस्थानी गाना ‘म्हारा बाईसा रो रूप सुहावनो..’ गाया जिसे सोशल मीडिया पर डालते ही 20 लाख व्यूज मिले।

मीनाक्षी का वायरल राजस्थानी गाना

मालूम हो कि मीनाक्षी ने यह गाना बेटियों के लिए गाया जिसके जरिए वो रूढिवादी समाज में अपने अंदर की भावनाओं को बता रही हैं। इसके बाद मीनाक्षी ने एक के बाद एक राजस्थानी हिट दिए।

गांव के माहौल से मिली कुछ करने की प्रेरणा

मीनाक्षी का मानना है कि वो जिस गांव से या जिस समाज से आती है वहां की महिलाओं को गाना तो छोड़ बोलना तक की इजाजत नहीं है। आज भी गावों में बेटे और बेटी में फर्क हर तरफ दिखाई देता है, बेटे को लेकर बेटी के साथ किए जाने वाले भेदभाव ने ही मीनाक्षी को गाना गाने की हिम्मत दी। गाना शुरू करने के बाद मीनाक्षी को परिवार वालों का खूब सहयोग मिला।