राजनीति

राजस्थान में भाजपा की सूची में नया कुछ भी नहीं,जानिए किसका कटा टिकट!

By khan iqbal

March 21, 2019

 

राजनीतिक हलकों मे क़यास लगाये जा रहे थे कि भाजपा अपने अधिकतम सांसदो के टिकट काटकर नये लोगों को उम्मीदवार बनाकर बाजी़ जीतने की भरसक कोशिशे करेगी!

लेकिन भाजपा की आज जारी उम्मीदवारों की सूची को देखने पर नज़र आया कि राजस्थान के सोलह उम्मीदवारों में से 14  उम्मीदवार मोजूदा सांसद ही होंगे!

यानि सभी तरह के कयास हवा हवाई साबित हुये!

राजस्थान के झूंझुनू लोकसभा सांसद संतोष अहलावत को बदल कर मंडावा विधायक नरेन्द्र खीचड़ को उम्मीदवार बनाया गया है!

जबकि अजमेर के उप चुनाव में भाजपा उम्मीदवार के हारने के बाद अब भागीरथ चौधरी को उम्मीदवार बनाया गया है!

इसके अतिरिक्त चौदह वर्तमान सांसदो पर ही भाजपा हाईकमान ने विश्वास जताते हुये फिर उन्हें उन्हीं क्षेत्रों ही टिकट दी गई है!

राजस्थान के जोधपुर लोकसभा सांसद गजेंद्र सिंह, पाली सांसद पीपी सिंह व बीकानेर सांसद अर्जुन मेघवाल को फिर उम्मीदवार बनाने का क्षेत्र में काफी विरोध मुखर होने के बावजूद भाजपा ने उन्हीं को फिर से उम्मीदवार बना कर विरोध को दरकिनार कर दिया है!

जबकि बीकानेर के पूर्व विधायक देवीसिंह भाटी ने मेघवाल को टिकट देने के विरोध मे पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी त्याग पत्र दे दिया था!

भाजपा की आज जारी सूची मे राजस्थान के श्रीगंगानगर से -निहालचंद, बीकानेर से अर्जुनराम मेघवाल, झुंझुनू से नरेंद्र खीचड़, सीकर से सुमेधानंद सरस्वती, जयपुर ग्रामीण से कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़, जयपुर से रामचरण बोहरा, टोंक सवाई माधोपुर से सुखबीरसिंह जौनपुरिया, अजमेर से भागीरथ चौधरी, पाली से पीपी चौधरी, जोधपुर से गजेंद्रसिंह शेखावत, जालौर से देवीमानसिंह पटेल, उदयपुर से अर्जुनलाल मीणा, चित्तौड़गढ़ से सीपी जोशी, भीलवाड़ा से सुभाष चंद्र बहेरिया, कोटा से ओम बिरला, झालावाड़ बारां- से दुष्यंत सिंह उम्मीदवार होगे। इन सोलह उम्मीदवारों में से गजेन्द्र सिंह, पीपी सिंह, अर्जुन मेघवाल व राज्यवर्धन सिंह राठौड़ केन्द्र मे मंत्री भी है!

कुल मिलाकर यह है कि कांग्रेस उम्मीदवारों की सूची आने के बाद भाजपा उम्मीदवारों के आंकलन होने के बाद असल तस्वीर उभर कर आयेगी!

फिर भी आज आई भाजपा सूची के बाद मतदाताओं मे किसी तरह का उत्साह नजर नही आ रहा है!भाजपा सूची को देखने पर पता चलता है कि अमित शाह व वसुंधरा राजे दोनो की पसंद ही चली है!

-अश्फ़ाक क़ायमखानी

(लेखक वरिष्ठ राजनैतिक विषलेशक हैं)