राष्ट्रीय

हिंसा में घर में फँसी थी हिंदू दोस्त की माँ,युवक ने FB पर लिखा,मुस्लिम युवकों ने पहुँचाई मदद!

By khan iqbal

February 25, 2020

दिल्ली में दो दिन से हिंसा का वातावरण बना हुआ है! संप्रदायिक और ज़हर में डूबे बयान दिए जा रहे हैं! ऐसे में एक ख़बर सद्भावना और प्रेम की एक ठंडी हवा के झोंके की तरह आई!

दरअसल दिल्ली के इलाक़े में हिंसा का माहौल बना हुआ था तभी उत्तरप्रदेश के एक पत्रकार मोहम्मद अनस ने फ़ेस्बुक पर अपने एक दोस्त की माँ के घर में फँसे होने की बात लिखी!

और उन्हें बचाने की अपील  करते हुए लिखा,

मेरे एक बहुत ही करीबी दोस्त का परिवार अकेला हिंदू परिवार है मुस्लिम मोहल्ले में। उनके घर पर माँ अकेली हैं। साठ वर्ष से अधिक उनकी आयु है। पिछले तीस सालों से मुस्तफाबाद में रह रहा है परिवार। अभी थोड़ी देर पहले उनके घर पर अटैक हुआ है। मेरी मुस्तफाबाद में रहने वालों से अपील है कि उन्हें बख्स दें। ऐसा न करें। उनका कोई कसूर नहीं है। यह बहुत ही गलत बात है। मुस्तफाबाद के लोग यदि मेरा पोस्ट पढ़ रहे हैं तो उनकी सुरक्षा करें। हाथ जोड़ कर विनती है मेरी। दिल्ली में रह रहे दोस्त इस पोस्ट को वॉयरल करें। जैसे भी हो उनकी हिफाज़त कीजिए। उनके घर का पता है – f2 bjagirathi vihar gali no 6 Mustafabad

उसके बाद कई मुस्लिम उनको बचाने मुस्तफ़ाबाद उनके घर पहुँच गये और उन्हें सुरक्षित जगह ले गए!

मोहम्मद अनस इस पर लिखा,”

आज मुस्तफाबाद में एक हिंदू ब्राह्मण परिवार की अकेली महिला अपने घर में फंस गईं। बाहर मुस्लिम बलवाईयों की भीड़ तोड़फोड़ कर रही थी। महिला मेरी दोस्त की माँ हैं। उसने मुझे फोन किया और मैंने मिनट भर के भीतर अपने फेसबुक से अपील की। मुझे मिनट के अंदर ही कई मुस्लिम दोस्तों के फोन आते हैं। दोस्तों ने अपने मित्रों को फोन लगाना शुरू किया। और आखिर में पंद्रह मिनट के अंदर मुस्तफाबाद के उस हिंदू ब्राह्मण परिवार के घर के बाहर दर्जनों मुसलमान पहुंच कर बलवाईयों के बीच से माता जी को सुरक्षित निकाल कर अपने घर में पनाह देते हैं।

अब मुझे मालूम चला है कि कुछ कट्टरपंथी हिंदू मेरी उस फेसबुक पोस्ट के माध्यम से अपना एजेंडा सेट कर रहे हैं। मैं उन जानवरों को बताना चाहता हूं कि माता जी को बचाने वाले मुसलमान हैं। अफसोस इस बात का है कि इस लड़ाई में बेगुनाहों को निशाना बनाया जा रहा है। न जाने कितने मुस्लिम परिवार, कट्टरपंथी हिंदुओं के बीच रहम की भीख मांग रहे हैं लेकिन कोई उनकी एक नहीं सुन रहा है। इंसानियत मर चुकी है।

चूंकि फेसबुक पर मेरे अच्छे खासे फॉलोवर हैं, हिंदू-मुसलमान हर कोई मेरी इज्ज़त करता है। मेरी बात मानता है, लगातार इस मामलें में लगने से मेरे दोस्त की माँ, जो कि मेरी भी माँ समान हैं, वे बच गईं। लेकिन उनका क्या जो हिंदू-मुस्लिम दंगाईयों के बीच फंसे हुए हैं। इंसानियत को बचा लीजिए। बेगुनाहों पर दया कीजिए। काश की ऐसी ही कोई ख़बर बलवाई हिंदुओं के बीच फंसे किसी मुसलमान को बचाने के लिए आती तो अच्छा रहता।

Momin Saifi और Shaan Ansari का शुक्रिया। मोमिन भाई अपने दोस्तों के साथ पहुंच कर माता जी को सुरक्षित अपने घर ले गए हैं।

यही तो है असली हिंदुस्तान”