राजस्थान की कांग्रेस सरकार में आए दिन कोई ना कोई विवाद जन्म लेता ही रहता है।
अभी गहलोत सरकार अपने ही विधायक हरीश मीणा द्वारा सरकार के ख़िलाफ़ आमरण अनशन को सुलझा भी नहीं पाई थी उससे पहले ही एक और नया विवाद खड़ा हो गया है।
इस बार विवाद विधायकों को आवंटित होने वाले सरकारी बंगले को लेकर है।
सरकार ने एक बंगला दो विधायकों को आवंटित कर दिया है जिसको लेकर दोनों विधायकों में विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गई है।
पूरा मामला इस तरह है कि कांग्रेस के बाड़मेर की शिव विधानसभा से विधायक अमीन खान और जयपुर की किशनपोल विधानसभा से विधायक अमीन काग़ज़ी को एक ही सरकारी बंगला आवंटित कर दिया गया है।
सरकारी बंगला जयपुर के जालूपुरा स्थित एमएलए क्वार्टर्स में सी-3 है जो दोनो ही विधायकों को अलॉट कर दिया है।
नाम एक जैसा होने की वजह से हो सकता है कि ऐसा गफ़लत में हुआ हो, लेकिन दोनों ही विधायकों ने अपने अपने नाम की नेमप्लेट बंगले पर लगा दी है।
अब यह देखना मजेदार होगा कि मुख्यमंत्री किस तरह से अपने विधायकों को समझा कर इस विवाद की स्थिति से निपटेंगे क्योंकि दोनों ही विधायक सरकारी बंगले पर अपना दावा छोड़ने को तैयार नहीं है।