‘उल्टा चोर कोतवाल को डांटे’ ये कहावत उत्तर प्रदेश के उस मामले में सटीक बैठती है जिसमें एक स्थानीय पत्रकार द्वारा विद्यालय के पोषाहार में सिर्फ नमक रोटी परोसे जाने का वीडियो बनाकर मामले को उजागर करने पर प्रशासन ने पत्रकार पर ही एफआईआर दर्ज कर दी है।
मामला मिर्जापुर जिले के गांव जमालपुर में स्थित प्राथमिक विद्यालय का है। जिसमें बच्चों को मिड डे मील के भोजन में रोटी के साथ सिर्फ नमक परोसा जा रहा था। स्थानीय पत्रकार पवन जायसवाल ने घटना का वीडियो बनाकर अपने सोशल मीडिया अकाउंट और अन्य पत्रकारों के साथ साझा कर दिया था।
घटना के उजागर होने पर जिला अधिकारी विद्यालय पहुंचे। अधिकारी ने अपनी जांच में वीडियो और घटनाक्रम को सही पाया। जिलाधिकारी ने तुरंत कार्यवाही करते हुए स्कूल के प्रभारी प्रिंसिपल को निलंबित कर दिया था और एक सहायक शिक्षक का वेतन रोकने का आदेश दिया था।
पत्रकार पवन जायसवाल के अनुसार विद्यालय के पोषाहार में रोटी नमक और चावल नमक परोसे जाने की खबर गांव के लोगों द्वारा कई बार उसे दी गई थी। अन्तिम बार दिनांक 20 अगस्त को गांव के एक युवक राजकुमार पाल ने मामले की सूचना पवन को दी और अख़बार के जरिए मामले को उठाने की अपील की।
पवन 22 अगस्त को मामले की सच्चाई जानने के उद्देश्य से विद्यालय पहुंचा जहां उसने देखा कि बच्चों को रोटी के साथ सिर्फ नमक परोसा जा रहा है। जिसका वीडियो पवन ने शूट किया है। वीडियो को 12:07 बजे शूट किया गया है। वीडियो देख सकते है कि बच्चे पंक्तिबद्ध थाली लेकर बैठे हुए है जिनमें उन्हें रोटी और नमक परोसा जा रहा है।
मुख्यमंत्री के जांच आदेश के बाद पत्रकार और अन्य दो पर एफआईआर दर्ज।
मामले के मीडिया में आने के बाद जब सरकार से सवाल पूछें जाने लगे और मिड डे मील में अनियमितताओं के मुद्दे पर सरकार को घेरा जाने लगा तो मुख्यमंत्री ने तुरंत जांच करने के आदेश दिए।
पवन जायसवाल का आधिकारियों पर आरोप है कि मुख्यमंत्री के जांच के आदेश दिए जाने के बाद अधिकारी स्वयं को बचाने के लिए मुझे फसा रहे है।
मिर्जापुर के पुलिस अधीक्षक अवधेश कुमार पांडे का कहना है कि “जिला अधिकारी की और से जांच कराए जाने के बाद पत्रकार पवन जायसवाल समेत तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। ”
प्रशासन का दावा है कि पवन ने सरकार को बदनाम करने के उद्देश्य से साजिश रचकर पूरा ढोंग किया है। इसलिए पवन पर आपराधिक साजिश रचने के आरोप में आईपीसी की धारा 120 बी,धोखाधड़ी के आरोप में धारा 420 और झूठे साबूत गड़ने के आरोप में धारा 193 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।
पवन को सूचना देने वाले व्यक्ति राजकुमार पाल को गिरफ्तार कर लिया गया है।
इधर पवन का दावा ये है कि स्थानीय प्रशासन ने पांच बार जांच की और वीडियो और घटना क्रम को सही पाया छठी बार जांच जिला विकास अधिकारी प्रियंका निरंजन ने कि जिसमें पवन के विद्यालय पर आरोपों को गलत ठहराया है।
उत्तरप्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही मिड डे मील योजना का उद्देश्य बच्चों को स्कूल ही में पोष्टिक आहार उपलब्ध करवाकर उनकी कुपोषड़ता ख़तम करना और उन्हीं शारीरिक और मानसिक रूप से तंदरुस्त बनाना है। मिड डे मील योजना के अनुसार वीडियो वाले दिन बच्चों को दाल रोटी परोसी जानी चाहिए थी।