सरकार बदल गई लेकिन समाज की मानसिकता नहीं बदली. राजस्थान में दलित आदिवासी सामंती क्रूरता का हर रोज़ शिकार हो रहे हैं.
अपराधियों के भीतर किसी भी तरह का कोई डर और पुलिस का कोई इक़बाल नहीं बचा.
सीकर में एक आदिवासी युवक की बेरहमी से पिटाई की गयी! उस पर तथाकथित चोरी का आरोप लगाया गया!
इस घटना का उल्लेख सामाजिक कार्यकर्ता कैलाश मीणा ने फ़ेस्बुक पर किया है!
कैलाश ने लिखा,” आज भी दलित आदिवासियो के साथ इस कदर क्रूरता गांव आगवाडी़ तहसील नीमकाथाना जिला सीकर में 70 वर्षीय मदनलाल को मोबाइल के शक में 4 मार्च को घर से उठाकर अपहरण कर ले जाकर इस बेरहमी से मारपीट कर सड़क किनारे पटक गये !
गंभीर अवस्था में घायल मदन लाल जी को जयपुर एसएमएस अस्पताल जयपुर में भर्ती करवाना पडा़ !
8 मार्च को पुलिस थाना कोतवाली नीमकाथाना में मुकदमा न. 93 / 20 दर्ज हुआ ! मदनलाल जी के टूटे हुए पैर का आपरेशन कर उसमें राड डालनी पडी़ शरीर का कोई हिस्सा ऐसा नहीं है जहाँ चोट नहीं है
अभी तक अपराधियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हुई ! बुजुर्ग मदनलाल का अपराध है इनका समाज के उस तबके से ताल्लूक होना जिनके पैदा होते ही अपराधी मान लेते थे !
आज वह आदिवासियो पर क्रिमनल ट्राईब एक्ट नहीं है परन्तु उसकी छाया अभी भी बरकरार है तभी तो मदनलाल जी जैसी अमानवीय क्रूरता आज भी सहनी पड़ रही है!”
सवाई मानसिंह अस्पताल में भर्ती रहने के बाद मदन लाल मीणा की मृत्यु हो गई है इसकी जानकारी सामाजिक कार्यकर्ता गीगराज जोडली ने दी