*** ह्रदय विलाप *** —————————————— हृदय ने ह्रदय से पूछा हृदय में क्या होता है प्रतिक्षण उत्तर मिला यहीं से प्रेम यहीं सँजोता है ।
क्या है बंधन क्या है नाते क्या है जीवन का अविराम ह्रदय को ह्रदय से जोड़ो मिल जाएगा फिर आराम ।
क्या हिन्दू क्या मंदिर है क्या मुस्लिम क्या मस्जिद है पवित्र करो अपने ह्रदय को फिर सोचो क्या है ये नाम ।
क्या है दर्शन क्या है तीरथ क्या है जीवन में ये धाम मिल जाओ एक दूजे से हो जाएंगे फिर सब काम ।
क्या है भगवन क्या है मौला ये तो है सब उपनाम लोगो ने बाटी है दुनिया लोगो ने बाटे ये नाम ।
ये जीवन तो तुम्हे मिला है दर्शन को उस जीवन के पूर्ण करो अपने लक्ष्य को फिर देखो जीवन का सार ।
क्या है मजहब क्या है धर्म क्या है जीवन का आधार पीकर प्रेम मदिरा सब फिर झूमो एक रंग में आज ।
फिर होगी जीवन दक्षता ओर फिर दक्ष कहलाओगे हर रंगों से हटकर फिर सब एक रंग, रंग जाओगे ।।।
–इनायत अली, निवाई