नज़रिया

जानिए लेफ्ट,राइट और सेंटर की विचारधारा से हटकर क्या है लिम्बिक विचारधारा!

By khan iqbal

January 05, 2019

लिम्बिक मुहिम :विश्व की पहली संरचितवैचारिक मुहिम लिम्बिक विचारधारा के प्रति समर्पित।

लिम्बिक मुहिम लिम्बिक विचारधारा के प्रति समर्पित दुनिया की सबसे पहली मुहिम है जो कि लिम्बिक आइडियोलॉज़िकल डायमेंशम पर काम कर रही है। लिम्बिक आइडियोलॉजिकल डायमेंशन की खोज शिमला के रहने वाले युवा विशाल शर्मा द्वारा की गई है जो कि लॉ ग्रेजुएट हैं और आजकल सेंट्रल यूनिवर्सिटी राजस्थान में पब्लिक पॉलिसी लॉ एंड गवर्नेंस में एम ए के छात्र हैं। उनके अलावा इस मुहिम में दो अन्य युवा भी काम कर रहे हैं। मुख्य रूप से इस मुहिम द्वारा अकादमिक व सैद्धांतिक कार्य किया जा रहा है।

लिम्बिक आईडियोलॉजिकल डायमेंशन :

समय-समय पर नए राजनीतिक स्पैक्ट्रम आते रहे हैं लेकिन लगभग सभी ने ही राईट, लेफ्ट व सेंटर से जुड़े रहने की कोशिश की है। लेकिन पहली मरतबा कोई नए आयाम के साथ आया है और इसी के माध्यम से हम नया राजनीतिक स्पैक्ट्रम बनाना चाहते हैं।

समाधान :

आने वाले समय में वैचारिक व विचारधारा के संघर्ष दुनिया भर में होना तय है। इस मुहिम का मुख्य उद्देश्य लिम्बिक दृष्टिकोण से लोगों की समस्याएं हल करना है। आने वाले समय में इस मुहिम के तहत लिम्बिक पुस्तकालय स्थापित करने की भी कोशिश की जाएगी जिसका उद्देश्य मौजूदा प्रतिकूल माहौल का समाधान प्रदान करने की कोशिश होगी। इसके अलावा इसका उद्देश्य जनता से जुड़े मसलों का समाधान याचिकाएं दायर करके व पब्लिक पॉलिसी में लिम्बिक दृष्टिकोण से समाधान का सुझाव दिया जाएगा।

योजनाएं : 

शिमला-लिम्बिक टैस्टिंग ग्राउंड, ग्लोबल लीगल ऑर्डर व कश्मीर पीस कोड इस मुहिम के मुख्य प्रौजेक्ट्स हैं। इसके अलावा इस मुहिम के संस्थापक विशाल शर्मा तीन रिसर्च पेपर भी लिख चुके हैं और धारा 118 व शिमला-श्यामला मुद्दों पर भी उनके लेख राष्ट्रीय स्तर पर छप चुके हैं। इसी मुहिम के संदर्भ में एक और कड़ी जोड़ते हुए विशाल शर्मा द्वारा एक पुस्तिका का प्रमोचन किया गया यह पुस्तिका लिम्बिक के वैचारिक पहलू पर केंद्रित है यह पुस्तिका लिम्बिक के वैचारिक पहलू पर केंद्रित है। इस पुस्तिका का शीर्षक है – ‘LIMBIC IDEOLOGICAL DIMENSION : A BRIEF DESCRIPTION’. यह पुस्तिका अमेज़न (Amazon.in), फ्लिपकार्ट (Flipkart.com) व इनफ़ीबीम (Infibeam.com) पर उपलब्ध है। इसी के साथ इस पुस्तिका का ई-बुक संस्करण भी Kobo, Amazon Kindle, i books और Google Play पर पाठकों के लिए जल्द ही उपलब्ध होगा।