गोद में देश !
लाल किले को डालमिया द्वारा पच्चीस करोड़ में गोद लेने से भड़के हुए लोग सचमुच कितने भोले हैं न ! यहां कौन है जो किसी न किसी की गोद में नहीं बैठा है ? देश की सरकार को पिछले चौदह सालों अंबानी ने गोद लिया हुआ है। देश की मीडिया सरकार की गोद में है। देश की लगभग तमाम संवैधानिक संस्थाओं को एक-एककर गोद लेने की रस्म सरकार पूरी कर ही रही है। देश की अफसरशाही और पुलिस हमेशा से सत्ताधारियों की गोद में रही है। देश के इंजीनियर एक अरसे से ठेकेदारों की गोद में और डॉक्टर दवा कंपनियों की गोद में हैं। देश में रामराज्य लाने का सपना देखने वाले हिन्दू दक्षिणपंथी आतंकी मनु की गोद में, इस्लामी राज का ख्वाब बुनने वाले मुस्लिम आतंकी पाकिस्तान की गोद में और क्रान्ति का सपना दिखाने वाले हत्यारे उग्र वामपंथी चीन की गोद में हैं। यहां तक कि यहां सोशल मीडिया में सक्रिय नब्बे प्रतिशत लोग अपनी-अपनी मूर्खताओं, मज़हबी कट्टरताओं और नफ़रतों के हाथों बिके हुए हैं।
यक़ीन मानिए, अगर इस देश की बिकी हुई व्यवस्था को बदलने की ईमानदार कोशिशें नहीं की गईं तो भगवान या ख़ुदा जल्द ही इस देश को अपनी गोद से उतार फेंकने वाला है !
ध्रुव गुप्त ,पूर्व आईपीएस