कहा जाता है कि मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है लेकिन टीआरपी की दुनिया में ऐसा महसूस होता है कि यह स्तंभ चरमरा रहा है। मुख्यधारा की मीडिया के बाद यह जमाना न्यू मीडिया या यूंं कहे सोशल मीडिया का है जहां हर तरफ अपने आप को चमकाने और ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचने की लालसा में कुछ लोग लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के साथ खेल खेल रहे हैं।
आप जरा गौर कीजिए इन स्क्रीनशॉटस पर जिसमें पत्रिका के वेब पोर्टल द्वारा एक खबर लगाई गई जिसकी हेडिंग में लिखा था कि “अभी अभी राष्ट्रपति भवन के पास हुआ बड़ा धमाका,आठ लोगों की दर्दनाक मौत उपराज्यपाल के बॉडी गार्ड भी मारे गए” हेडिंग को देखने से लगता है की घटना भारत की है और इस बात में 100 प्रतिशत छिपी सच्चाई है कि रिपोर्ट बनाने वाले पत्रकार का उद्देशय यही रहा होगा कि लोगों को घटना भारत की लगे और खबर वाइरल हो सके। जब आप पत्रिका के फेसबुक पेज का आंकलन करेंगे तो पाएंगे कि सबसे ज़्यादा हिट लाइक्स कमैंट्स इसी पोस्ट को मिले हैं,कमेंट में लोगों की वही प्रतिक्रिया है जिसने हमें इसके खिलाफ लिखने का हौसला दिया, लोग पत्रिका को नसीहत कर रहे हैं कि पत्रकारिता की मर्यादा बनाकर रखी जाए। खबर सोमालिया की है जिसका पता लिंक ओपन करने के बाद लगता है। ख़बर का लिंक
पाठकों से हमारा अनुरोध है कि इस तरह की पत्रकारिता पर जरूर अपनी प्रतिक्रिया दें, कमेंट करें या फिर सम्पादक को फ़ोन करके या पत्र लिख कर अपनी नाराजगी जाहिर करें जिससे कि भविष्य में इस तरह की फेक न्यूज़ पर पाबंदी लगाई जा सके।