By:Tariq khan
कानुन व्यवस्था को ठेंगा दिखाकर एक बार फिर कुछ समुह सर उठा रहे है सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के आदेश के बाद भी पद्मावती विवाद अभी थमने का नाम ही नही ले रहा है!
पुलिस प्रशासन और सरकारें व्यवस्था संभालने में नाकाम होने का बहाना बनाकर और वोट की राजनीति के लिए असामाजिक तत्वों के साथ कन्धे मिला कर चल रही हैं!
कुछ दिनों पहले सुलग रहे कोयले अब लाल अंगार बन चुके है छोटे छोटे गुट बनाकर धर्म और जाति के नाम पर आम जनता को परेशान कर रहे है!
कभी रोड़ जाम करते है कभी जनता कर्फ्यू करते है फिर भी जिम्मेदार संस्थाए आंखे बन्द करके सोयी हुई हैं! संजय लीला भंसाली की पदमावती पर करणी सेना के सामने सरकार के झुकने के बाद अब
क्रिश की “मणिकर्णिका : द क्वीन ऑफ झांसी ” जिसमे कंगना लीड़ रोल मे है पर ब्राह्मण महासभा इतिहासिक तथ्यो से छेड़छाड़ का आरोप लगाकर फिल्म की शुटिंग और रिलिज पर रोक की मांग कर रही है !
महासभा का कहना है कुछ गानों और द्रश्यों से पता लगा है कि फिल्म मे रानी लक्षमी बाई का किसी अंग्रेज़ अफसर के साथ अफेयर दिखाया गया है ।
पद्मावत के सिक्रिनिंग के रूकने के बाद इस प्रकार के संगठनो का दबदबा बढता जा रहा है बिना फिल्म देखे या कहानी जाने बिना तथ्यों सिर्फ कथित बातो पर उसका विरोध किया जा रहा है और सरकारें चुप हैं!
महासभा के विरोध के बाद अब करणी सेना भी उनके साथ हो गयी है और खुली धमकी देते हुए कहा है कि ” अगर ब्राह्मण का खून बहेगा तो राजपूत क्या चुप रहेगा, जब राजपूत का खून बहा तो ब्राह्मण कभी चुप नहीं रहा।”
करणी सेना संस्थापक कल्वी ने कहा कि “पद्मावत’ की रिलीज के विरोध में ब्राह्मणों ने 10 हजार पत्रों पर खून से हस्ताक्षर किए थे। अब हम सर्व ब्राह्मण महासभा का पूरा साथ देंगे।” और साथ प्री सिक्रिनिंग की मांग की ।
आखिर कब तक सरकारे ख़ामोश रहेगी आज कुछ लोग विरोध कर रहे है कल को फिर किसी स्कुल बस पर हमला होगा कब तक लोग सहेगा आमजन यह सब?