।अशफाक कायमखानी।
राजस्थान के मुख्यमंत्री गहलोत को मंत्रीमंडल के विस्तार की मिली मंजूरी। 23- मंत्रियों के बनने के बाद मुख्यमंत्री सहित कुल पच्चीस मंत्री होगे।
आखिरकार राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलेट के शपथ लेने के बाद कांग्रेस हाईकमान की मंजूरी के बाद गठबंधन के तहत लोकदल के सुभाष गर्ग सहित तेईस विधायको को कल सोमवार को मंत्री बनाया जा रहा है। जिसमे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समर्थकों का काफी हद तक बोलबाला नजर आ रहा है। विस्तार के बाद गठित होने वाले मंत्रीमंडल के बाद बनने वाले स्वरूप मे चार जाट, दो राजपूत, दो जैन, दो ब्राह्मण, पांच एससी, दो मीणा, एक विश्नोई , दो गूर्जर, एक माली, एक यादव , एक मुस्लिम व एक बनीया को मिलाकर कुल 25-सदस्यो का राजस्थान सरकार का मंत्रीमंडल होगा। जबकि पंद्रह प्रतिशत के हिसाब से दो सौ सदस्यों वाली राजस्थान विधानसभा मे तीस तक मंत्री बनाये जा सकते है।
कौनसा विधायक किसका समर्थक
जाट समुदाय से बनने वाले मंत्रियों मे हरीश चोधरी, गोविंद डोटासरा, लालचंद कटारिया व राजा विश्वेंद्र सिंह को गहलोत समर्थक बताया जा रहा है। जबकि एससी वर्ग से बनने वाले मंत्रियों मे भवंरलाल मेघवाल, टीकाराम जूली को पायलट समर्थक व अर्जुन बामणिया, ममता भूपेश व भजनलाल जाटव को गहलोत समर्थक माना जाता रहा है। जैन समाज के शांति धारीवाल व प्रमोद भाया जैन को भी गहलोत के करीब बताया जाता है। इसके अलावा परशादीलाल मीणा गहलोत व रमेश मीणा पायलेट समर्थक माने जाते है। बीडी कल्ला पर कांग्रेस के दिग्गज नेता मोतीलाल बोहरा की मेहरबानी हुई बताते है, तो रघु शर्मा पायलट के नजदीकी है। वही शाले मोहम्मद व सुखराम विश्नोई मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नजदीकी माने जाते है। इसी प्रकार भवंर सिंह भाटी अशोक गहलोत व प्रतापसिंह खाचरियावास पायलेट के करीबी है। कल तेराह केबीनेट व दस राज्यमंत्री शपथ लेने की सम्भावना बताते है।
कुल मिलाकर यह है कि गठित होने मंत्रीमंडल को लेकर राजस्थान मे अलग अलग तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म है। कूछ जिलो से सम्भावित नामो के ना आकर अलग से नये नाम आने से प्रदेश की सियासत मे नये समीकरणो को जन्म देना माना जा रहा है। इसके अलावा कुछ नये विधायकों को पहली दफा मंत्री बनाने से कांग्रेस को लोकसभा चुनावों मे उनकी ऐनर्जी का फायदा भी मिलने की सम्भावना जताई जा रही हैः।