नज़रिया

अली-बजरंगबली की बहस में खोते बेरोज़गारी अशिक्षा के मुद्दे

By khan iqbal

November 27, 2018

अली-बजरंगबली की बहस में उलझाकर असल मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश

अजीब हाल है, हमारे देश भारत में कहीं पर भी चुनाव हो, बात विकास के दावों और वादों से होती है और मतदान की तारीख करीब आते ही साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण की घटिया कोशिशें शुरू हो जाती हैं.

सारे मुद्दे पीछे धकेल दिए जाते हैं और हिन्दू-मुसलमान, भारत-पाकिस्तान, देशप्रेमी-देशद्रोही जैसे भावनात्मक मुद्दे उछालकर लोगों के ज़हन ख़राब करने का घिनौना खेल शुरू हो जाता है. इस बार भी यही हुआ है. अली-बजरंगबली की बहस छेड़कर विकास के सारे दावे परदे के पीछे डाल दिए गए हैं. जनता की समस्याओं की किसी को परवाह नहीं है

सभी मतदाताओं से विनम्र निवेदन है कि जज्बाती नारों और जुमलों के जाल में न फंसें.